बीजिंग| चीन और रूस अंतर्राष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन का संयुक्त रूप से निर्माण करेंगे। साथ ही वे अंतर्राष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन को लेकर व्यापक सहयोग बढ़ाएंगे और सभी इच्छुक देश व अंतर्राष्ट्रीय मित्र भी इसमें शामिल हो सकते हैं। चीन और रूस की ओर से इसका एलान किया गया है। अंतर्राष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन चंद्रमा की सतह या चांद की कक्षा मेंलंबे समय तक स्वतंत्रता से रहने वाला एक व्यापक वैज्ञानिक प्रयोग बेस है। जिसमें चंद्र अन्वेषण औरउपयोग, चंद्रमा आधारित अवलोकन, बुनियादी विज्ञान प्रयोगऔर तकनीकी सत्यापन आदि बहु-विषयक और बहु उद्देश्यीय वैज्ञानिक अनुसंधान गतिविधियां आयोजित होंगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष यात्री महासंघ अंतरिक्ष परिवहन समिति और चीन एयरोस्पेस विज्ञान व उद्योग की दूसरी अकादमी के शोधकर्ता यांग यूकुआंग ने कहा कि मौजूदा स्थिति में अंतर्राष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन को मानव रहित वैज्ञानिक अनुसंधान स्टेशन के रूप में काम करना चाहिये।
इससे पहले चीन की चंद ्रअन्वेषण परियोजना के मुख्य डिजाइनर वूवेइरन ने कहा था कि चीन की चंद्र अन्वेषण परियोजना के चौथे चरण में वे चंद्रमा के दक्षिणीध्रुव में चंद्र अनुसंधान स्टेशन की स्थापना की योजना बना रहे हैं। क्योंकि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में अद्वितीय संसाधन मौजूद हैं।
उन्होंने कहा कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव में स्थायी प्रकाश क्षेत्र के कारण निरंतर सौर ऊर्जा प्राप्त करना बहुत आसान है। साथ ही चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के छायाक्षेत्र में पानी न केवल पीने योग्य है, बल्कि प्रोपेलर बनाने में भी काम आ सकता है।
चीन और रूस के बीच संपन्न समझौता ज्ञापन के अनुसार, चीन और रूस अंतरिक्ष विज्ञान और अंतरिक्ष उपकरण व अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी का अनुसंधान,विकास एवं उपयोग आदि क्षेत्रों में अनुभवों के जरिये अंतर्राष्ट्रीय चंद्र अनुसंधान स्टेशन के निर्माण की रोड मैप योजना संयुक्त रूप से बनाएंगे। साथ ही दोनों पक्ष इस स्टेशन के निर्माण की परियोजना के नियोजन, प्रदर्शन, डिजाइन, विकास, कार्यान्वयनऔर संचालन आदि क्षेत्रों में भी सहयोग करेंगे।
(साभार- चाइनामीडियाग्रुप, पेइचिंग)
--आईएएनएस
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