ओटावा । कनाडा सरकार ने रूस से जर्मनी में नियमित गैस प्रवाह को बहाल करने के लिए महत्वपूर्ण टरबाइन को वापस करने के अपने फैसले का बचाव किया है जो मॉस्को पर पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण देश में रोक दिया गया था। डीपीए समाचार एजेंसी की रिपोर्ट की अनुसार, विदेश मंत्री मेलानी जोली और प्राकृतिक संसाधन मंत्री जोनाथन विल्किंसन ने एक संसदीय समिति को बताया कि ओटावा ने अपने जर्मन और यूरोपीय सहयोगियों के साथ सामंजस्य बनाए रखने के लिए टर्बाइन को वापस करने का फैसला किया था, जो मरम्मत के लिए कनाडा आया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
विल्किंसन ने कहा, "मैं उन जर्मनों की ओर से चिंता पर अधिक जोर नहीं दे सकता, जो प्रभावी रूप से प्राकृतिक गैस का उपयोग करने में सक्षम नहीं हैं।"
उन्होंने कहा कि टरबाइन को निर्यात करने से इनकार करना व्यावहारिक नहीं था, जो कि रूसी गैस पर जर्मनी की निर्भरता को देखते हुए था।
जर्मन और यूरोपीय संघ के शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि टर्बाइन प्राकृतिक गैस के घटते प्रवाह का मुख्य केंद्रविदू है, जो यूरोप में ऊर्जा संकट को बढ़ाने के मकसद से मास्को द्वारा एक राजनीतिक रूप से प्रेरित कदम है।
मॉस्को का दावा है कि टर्बाइन नहीं होने के कारण गजप्रोम को जर्मनी में गैस वितरण को कम करने के लिए मजबूर होना पड़ा, जबकि जर्मन अधिकारियों ने बार-बार कहा है कि यह कदम रूस द्वारा यूक्रेन में युद्ध पर अपने रुख के लिए जर्मनी को दंडित करने और रूस पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक प्रयास था।
टरबाइन को अब जर्मनी भेज दिया गया है, जहां से इसे रूस ले जाया जाएगा।
टर्बाइन की मरम्मत के लिए जिम्मेदार कंपनी सीमेंस एनर्जी ने मंगलवार को कहा कि, ये रूस ले जाए जाने के लिए तैयार है।
वहीं गजप्रोम ने कहा कि, यह अभी भी टर्बाइन के पुनस्र्थापन के लिए आवश्यक दस्तावेजीकरण की प्रतीक्षा कर रहा है।
--आईएएनएस
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