न्यूयॉर्क। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन की प्रवक्ता जेन पास्की ने कहा है कि रूस से भारत का कच्चा तेल खरीदना अमेरिका द्वारा लगाये गये किसी प्रतिबंध का उल्लंघन नहीं है।
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मंगलवार को प्रेस ब्रीफिंग में पास्की ने रूस से कम कीमत पर कच्चा तेल खरीदे जाने की रिपोर्ट के बारे में सवाल पूछे जाने पर कहा,'' किसी भी देश के लिये हमारा संदेश यही रहेगा कि वे हमारे द्वारा लगाये गये प्रतिबंधों का पालन करें। हालांकि, मेरा विश्वास है कि यह उसका उल्लंघन नहीं है।
उन्होंने लेकिन साथ ही कच्चे तेल की खरीदार देशों से नैतिक आग्रह करते हुये कहा, लेकिन आप यह भी सोचें कि जब इतिहास लिखा जायेगा तो आप किस पक्ष में खड़े होंगे। इस वक्त रूस या रूस के नेतृत्व को किसी भी प्रकार का समर्थन देना आक्रमण का समर्थन करना है, जिसका इतना अधिक गंभीर प्रभाव दिख रहा है।
उल्लेखनीय है कि नाटो के अन्य सदस्य देश भी रूस से कच्चा तेल और गैस का आयात कर रहे हैं।
अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की आसमान छूती कीमतों के बीच भारत के पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया था कि रूस से कच्चे तेल की खरीद के बारे में चर्चा की जा रही है। इससे जुड़े कई मुद्दे अभी हैं, जैसे- कितना कच्चा तेल उपलब्ध है, कैसे भुगतान किया जायेगा और तेल की खेप लायी कैसे जायेगी।
भारत कच्चा तेल का अधिकतर आयात खाड़ी देशों से करता है और रूस से वह तीन फीसदी से कम तेल की खरीद करता रहा है। अमेरिका भी इन दिनों ऊर्जा उत्पादों के महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में उभर रहा है।
अमेरिकी सांसद और निचले सदन में विदेशी मामलों के उपसमिति के अगुवा एमी बेरा का कहना है कि अगर भारत रूस से कम कीमत पर कच्चा तेल खरीदता है तो वह ऐसे समय में रूस के व्लादिमीर पुतिन के साथ खड़ा होगा, जब पूरी दुनिया रूस के हमले के विरोध में यूक्रेन के लोगों के साथ खड़ी है।
उन्होंने कहा , कांग्रेस की वरिष्ठ भारतीय अमेरिकी सदस्य होने के नाते मुझे संयुक्त राष्ट्र महासभा में यूक्रेन पर रूस के हमले की निंदा के संबंध में लाये गये प्रस्ताव के दौरान भारत की अनुपस्थिति से बेहद निराशा हुई है।
एमी बेरा ने कहा कि भारत जब खुद ही बाहरी तत्वों से अपनी सीमा की सुरक्षा के लिये लड़ रहा है और तब भी वह एक आजाद संप्रभु राष्ट्र पर व्लादिमीर पुतिन के हमले पर मौन है।
उन्होंने कहा कि इससे भी बुरा यह है कि वह रिपोर्ट के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों को धत्ता बताकर बहुत ही कम कीमत पर रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिये विचार कर रहा है। रूस की अर्थव्यवस्था जब अंतर्राष्ट्रीय प्रतिबंधों के कारण दबाव में है तो ऐसे में ऐसा करने से पुतिन को कुछ समय के लिये आर्थिक राहत मिल जायेगी।
जो बाइडेन ने रूस से तेल, कोयले और गैस के आयात पर प्रतिबंध लगाया है। ऐसी भी रिपोर्ट सामने आयी थी कि यूरोपीय आयोग भी रूस की तीन बड़ी तेल कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने वाला है लेकिन अधिकारियों ने यह कहा कि उनसे तेल की खरीद प्रतिबंधित नहीं की जायेगी।
भारत में स्थिति रूस के दूतावास ने कहा है कि रूस के उप प्रधानमंत्री एलेक्जेंडर नोवाक ने रूस के ऊर्जा क्षेत्र में भारत के निवेश के बारे में हरदीप सिंह पुरी से गत सप्ताह चर्चा की है।
भारतीय सरकार ने हालांकि नोवाक और पुरी के बीच हुई बातचीत पर चुप्पी साधी हुई है।
--आईएएनएस
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