कराची। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के अध्यक्ष और विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा है कि अगर संघीय सरकार ने सिंध सरकार और पीपीपी के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं का सम्मान नहीं किया तो उनकी पार्टी के लिए सरकार में बने रहना मुश्किल होगा। द न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, बिलावल ने अफसोस जताया कि संघीय सरकार देश में पिछले साल बाढ़ पीड़ितों के राहत और पुनर्वास के लिए अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं कर पाई है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
उन्होंने कहा कि केंद्र को सिंध सरकार के नक्शेकदम पर चलते हुए बाढ़ पीड़ितों के पुनर्वास के अपने वादों को जल्द से जल्द पूरा करना चाहिए।
उन्होंने उल्लेख किया कि बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए संघीय सरकार को अपने वादे के अनुसार 4.7 अरब पीकेआर का भुगतान करना बाकी है। उन्होंने कहा कि इसी मुद्दे को संघीय कैबिनेट और नेशनल असेंबली में उठाया जाएगा।
पीपीपी अध्यक्ष ने कहा कि यदि संघीय सरकार प्राथमिकता के आधार पर बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए आगे आएगी तो सकारात्मक संदेश जाएगा।
उन्होंने कहा, "अगर संघीय सरकार बाढ़ पीड़ितों के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं करती है तो लोग हमें जवाबदेह ठहराएंगे।"
द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, देश में पहली बार डिजिटल जनगणना को एक 'त्रुटिपूर्ण अभ्यास' करार देते हुए, विदेश मंत्री ने कहा कि सिंध के मुख्यमंत्री मुराद अली शाह को चल रही जनगणना पर गंभीर चिंता है।
उन्होंने कहा, "हमने 2018 की जनगणना के परिणामों पर आपत्ति जताई थी।" सिंध में आवास जनगणना के परिणामों में अन्य प्रांतों की तुलना में भारी अंतर था।
पीपीपी नेता ने कहा कि उन्होंने आवास जनगणना के 10 प्रतिशत की फिर से गिनती की मांग की थी।
उन्होंने लोगों से कहा कि पीपीपी देश में वैज्ञानिक आधार पर संचालित वास्तविक जनगणना अभियान का ही समर्थन कर सकती है।
द न्यूज ने बताया कि वे नए जनगणना अभियान को उसके वर्तमान स्वरूप में समर्थन नहीं दे सकते।(आईएएनएस)
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