वॉशिंगटन| अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने 19 खरब डॉलर के कोरोना वायरस राहत पैकेज पर हस्ताक्षर कर इसे कानूनी रूप दे दिया है। देश को महामारी से उबारने के प्रयासों में नए अमेरिकी प्रशासन का यह महत्वपूर्ण विधायी कदम है। बाइडेन ने ओवेल कार्यालय में उप राष्ट्रपति कमला हैरिस की मौजूदगी में इस विधेयक पर हस्ताक्षर किए। इसके साथ ही राष्ट्रपति के रूप में पद ग्रहण करने के बाद इसे बाइडेन की पहली विधायी जीत माना जा रहा है। सिन्हुआ न्यूज एजेंसी के मुताबिक, एक दिन पहले प्रतिनिधि सभा ने 220-211 के अनुपात से "उपाय" को मंजूरी दी थी और गुरुवार को इस पर हस्ताक्षर किए गए। पिछले सप्ताह सीनेट ने बिल को 49 के मुकाबले 50 मतों से पास कर दिया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इस बीच, प्यू रिसर्च सेंटर द्वारा हाल ही में जारी एक सर्वेक्षण से पता चला है कि राहत पैकेज के लिए व्यापक सार्वजनिक समर्थन हासिल है। 70 प्रतिशत अमेरिकियों ने कहा है कि वे इस कानून के पक्ष में हैं।
कोलंबिया विश्वविद्यालय में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर और संयुक्त राष्ट्र के वरिष्ठ सलाहकार जेफ्री सैक्स ने बुधवार को सिन्हुआ न्यूज एजेंसी को बताया, "कांग्रेस में अमेरिका, अमेरिकी लोगों की तुलना में अधिक ध्रुवीकृत है।"
उन्होंने कहा कि "अमेरिकी लोगों में वास्तव में एक व्यापक आम सहमति है - जिंदगी का साथ निभाने का, महामारी पर काबू पाने का। सरकार की भूमिका बढ़ती तो है, लेकिन डेमोक्रेट और रिपब्लिकन के बीच राजनीतिक विभाजन बहुत मजबूत है।"
बाइडेन ने 19 खरब डॉलर के जिस कोरोना वायरस राहत पैकेज पर हस्ताक्षर किया है, वह विगत एक वर्ष में अमेरिकी प्रशासन द्वारा पारित कोरोना से जुड़ा छठा विधेयक है। बहरहाल, इस नई पहल में कोविड-19 टीकाकरण और परीक्षण, अतिरिक्त बेरोजगारी लाभ, काम करने वाले अमेरिकियों को सीधे भुगतान, छोटे व्यवसाय, स्कूल, राज्य और स्थानीय सरकारों के लिए समर्थन शामिल है।
अमेरिकियों के भारी समर्थन पर इसे ऐतिहासिक कानून बताते हुए बाइडेन ने व्हाइट हाउस ओवल ऑफिस में कहा कि यह बिल "इस देश की रीढ़" के पुनर्निर्माण में मदद करेगा।
बहरहाल, डेमोक्रेटिक सांसदों के मजबूत समर्थन के बावजूद, यह बिल कुछ ऐसे प्रगतिवादियों के लिए थोड़ा निराशाजनक हो सकता है, जिन्होंने संघीय न्यूनतम मजदूरी 15 डॉलर प्रति घंटे तक बढ़ाने की वकालत की थी। यह प्रावधान अंतिम पैकेज में शामिल नहीं था।
--आईएएनएस
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