लंदन। पाकिस्तान में प्रतिबंधित जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज मोहम्मद सईद ने 9/11 अमेरिकी हमले से पहले 1990 के दशक में ब्रिटेन की यात्रा कर मुस्लिम युवकों को जिहादी बनने के लिए उकसाया था। बीबीसी की एक जांच में इस बात का खुलासा हुआ है।
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एक करोड़ डॉलर इनामी राशि वाला सईद कथित तौर पर 2008 में हुए मुंबई आतंकी हमले का मास्टरमाइंड है। उसने ब्रिटेन के शहरों में स्थित भीड़ से खचाखच भरी मस्जिदों में उकसाने वाले भाषण दिए और उन दिनों की तरफ लौटने को कहा जब मुस्लिमों ने जिहाद की शुरुआत की थी और सुरक्षा राशि नास्तिक लोगों द्वारा मुहैया कराई जाती थी।
पाकिस्तान के डॉन अखबार की एक खबर के हवाले से बीबीसी ने कहा कि बड़े पैमाने पर मुस्लिमों के पवित्रयुद्ध लड़ने के लिए विदेश जाने के बारे में ब्रिटिश सरकार और खुफिया एजेंसियों की चिंताओं के बीच इस बात का खुलासा हुआ है।
यह जांच, बीबीसी के रेडियो-4 की एक 40 मिनट की डॉक्यूमेंट्री के आधार पर हुई है। यह डॉक्यूमेंट्री मंगलवार रात प्रसारित हुई थी। इसमें खुलासा हुआ कि ब्रिटिश मुसलमानों द्वारा हिंसक धार्मिक संघर्ष की जड़ें 1990 के दशक के मध्य में रखी गई थीं, जो सोचने से पहले ही शुरू हो गया था।
सईद के संगठन मर्कज दावा वल इरशाद द्वारा प्रकाशित एक मासिक पत्रिका मुजाल्ला अल दावाह में ब्रिटेन का दौरा लिपिबद्ध है।
बीबीसी द्वारा जांच को बेपर्दा किए जाने के दौरान लेख के मुताबिक, हाफिज सईद नौ अगस्त, 1995 को ब्रिटेन पहुंचा और जिहाद के बारे युवाओं को भाषण देने के लिए तैयार था। दर्शकों को जिहाद के लिए खड़ा होने और हिंदुओं का तिरस्कार करने के उसके आग्रह पर बर्मिघम में सन्नाटा छा गया था।
लेख के मुताबिक, उसी संबोधन ने ब्रिटेन में असल तौर पर जिहाद का आधार रखा गया था।
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