इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने विपक्ष द्वारा उनके इस्तीफे के लिए बनाए गए चौतरफा दबाव से उबरने के लिए अपने चिर-परिचित भारत विरोधी बयानों का सहारा लिया है। उनका कहना है कि विपक्षी नेता मौलाना फजलुर रहमान के आजादी मार्च से पाकिस्तान के दुश्मन खुश हो रहे हैं और इस बात को समझना हो तो भारत के मीडिया में इस मार्च की कवरेज को देख लें। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
मीडिया रिपोर्ट में बताया गया है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले गिलगित-बालटिस्तान में शुक्रवार को एक रैली में इमरान ने कहा, फजलुर रहमान के मार्च से पाकिस्तान के दुश्मन खुश हो रहे हैं। सिर्फ भारत का मीडिया ही देख लें जो फजलुर रहमान को दिखाकर खुश हो रहा है। इसे देखकर आपको ऐसा लगेगा कि जैसे वह (फजलुर रहमान) कोई भारतीय नागरिक है जो भारत के लिए किसी देश को आजाद कराने आ रहे हैं।
इमरान यहूदी कार्ड भी खेलने से नहीं चूके। इमरान की पहली पत्नी जेमिमा यहूदी थीं जिस कारण उन पर मुस्लिम बहुल देश का विपक्ष ताने मारता रहता है। इसी संदर्भ में इमरान ने कहा, फजलुर रहमान के होते हुए भला किसी यहूदी को (पाकिस्तान के खिलाफ) साजिश करने की क्या जरूरत है।
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