कीएव। यूक्रेन की राजधानी कीएव में स्थित भारतीय दवा कंपनी कुसुम हेल्थकेयर के वेयरहाउस पर हुए हमले को लेकर रूस ने सफाई दी है। भारत स्थित रूसी दूतावास ने एक आधिकारिक बयान जारी कर यूक्रेन के आरोपों को खारिज किया है।
यूक्रेन ने दावा किया था कि 12 अप्रैल को रूस ने ड्रोन हमले के ज़रिए इस भारतीय स्वामित्व वाले वेयरहाउस को निशाना बनाया, जिससे वहां भयंकर आग लग गई। यह फार्मा वेयरहाउस कुसुम ग्रुप की यूनिट ‘ग्लैडफार्म’ का हिस्सा है, जो यूक्रेन में दवाओं की आपूर्ति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
रूस ने साफ किया है कि उसकी सेनाओं ने किसी भी सिविलियन या विदेशी संपत्ति को निशाना नहीं बनाया। दूतावास के अनुसार, उस दिन की सैन्य कार्रवाई विशेष रूप से यूक्रेनी सैन्य प्रतिष्ठानों पर केंद्रित थी, जिनमें विमान संयंत्र, सैन्य एयरबेस ढांचा, बख्तरबंद वाहन मरम्मत केंद्र और ड्रोन असेंबली वर्कशॉप शामिल थे।
रूसी पक्ष ने यह भी कहा कि संभवतः यूक्रेनी एयर डिफेंस सिस्टम की कोई मिसाइल लक्ष्य चूक गई, और वही आबादी वाले इलाके में गिर गई, जिससे वेयरहाउस में आग लग गई। बयान में यह भी जोड़ा गया कि “इस तरह की घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं।”
यूक्रेन ने इसे जानबूझकर किया गया हमला बताया है। यूक्रेनी अधिकारियों का कहना है कि कुसुम ग्रुप ने युद्ध के दौरान यूक्रेनी नागरिकों को मानवीय सहायता दी थी, जो इस हमले का संभावित कारण हो सकता है।
भारत की ओर से इस मामले में अभी तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन माना जा रहा है कि भारतीय दूतावास स्थिति पर नज़र बनाए हुए है और यूक्रेन में रह रहे भारतीय नागरिकों व कंपनियों की सुरक्षा को लेकर सतर्क है।
कुसुम हेल्थकेयर एक जानी-मानी भारतीय फार्मास्युटिकल कंपनी है, जिसकी उपस्थिति यूक्रेन, कज़ाकिस्तान और भारत सहित कई देशों में है। कंपनी यूक्रेन में औषधीय जरूरतों की पूर्ति के लिए लंबे समय से कार्यरत है और वहां की स्वास्थ्य प्रणाली में अहम योगदान दे रही है।
इस घटना ने रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच विदेशी कंपनियों की सुरक्षा को लेकर एक बार फिर चिंता बढ़ा दी है, खासतौर पर उन कंपनियों की जो मानवीय आधार पर युद्ध प्रभावित क्षेत्रों में सेवाएं दे रही हैं।
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