मैरीलैंड के वाल्टीमोर स्थित स्पेस टेलीस्कोप साइंस इंस्टीट्यूट के प्रमुख
अन्वेषणकर्ता हना वेकफोर्ड ने कहा, हमें बाहर निकलकर देखने की जरूरत है
जिससे अपने सौरमंडल को समझ सकें। सहयोगी अन्वेषणकर्ता डेवन स्थित
यूनिवर्सिटी ऑफ एक्सेटर के डेविट सिंग ने कहा, डब्ल्यूएएसपी-39बी दर्शाता
है कि सौरमंडल के बाहर के ग्रहों में सौरमंडल के ग्रहों से भिन्न संरचना
होगी। ये भी पढ़ें - ठगों ने बजाया कुंवारों का बैंड,ठगे लाखों
उन्होंने कहा, आशा है कि इस विविधता से हमें ग्रहों के बनने की
विभिन्न विधियों और व उनकी उत्पति के बारे में जानकारी मिल सकती है।
अनुसंधानकर्ताओं के मुताबिक, डब्ल्यूएएसपी-39बी पर दिन के पक्ष का तापमान
काफी ज्यादा करीब 776.7 डिग्री सेल्सियस होता है।
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