इस्लामाबाद। पाकिस्तान में ईश निंदा के आरोप में मौत की सजा का सामना कर चुकी ईसाई महिला आसिया बीबी ने अपने ऊपर एक लिखी किताब में पाकिस्तान की जेल में बिताए गए भयावह दिनों का खुलासा किया है। इसमें उन्होंने पाकिस्तान में ईसाई समुदाय की बुरी स्थिति का जिक्र करते हुए कहा है कि देश में ईसाई समुदाय के लोगों के सिर पर हर वक्त तलवार लटकी रहती है। आसिया बीबी को ईश निंदा के आरोप में निचली अदालतों ने मौत की सजा सुनाई थी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में उन्हें इस आरोप से बरी कर दिया था और रिहा करने का आदेश दिया था। इस दौरान उन्होंने आठ साल जेल में बिताए थे। रिहा होने के बाद वे सुरक्षा कारणों से कनाडा चली गईं जहां वे किसी अज्ञात जगह पर रह रही हैं। फ्रांसीसी भाषा की पत्रकार एने-इसाबेल टोलेट ने उन पर फ्रेंच में एक किताब एनफिन लिबरे (फाइनली फ्री-अंतत: मुक्त) लिखी है। इसका विमोचन बुधवार को किया गया।
इसका अंग्रेजी संस्करण सितंबर में बाजार में आएगा। टोलेट अकेली पत्रकार हैं जो आसिया बीबी से कनाडा में मिल सकी हैं। किताब में आसिया बीबी ने अपनी गिरफ्तारी, जेल की नारकीय स्थिति और नए देश में नए जीवन से संतुलन बनाने में आ रही दिक्कतों का जिक्र किया है। किताब में आसिया ने कहा है कि आप पहले से ही मीडिया के माध्यम से मेरी कहानी जानते हैं।
लेकिन, आप जेल में मेरे बिताए दिनों या मेरे नए जीवन के बारे में कुछ नहीं जानते। उन्होंने कहा कि मैं चरमपंथी उन्माद की बंदी हो गई थी। जेल की कोठरी में केवल आंसू ही मेरे साथी थे। आसिया बीबी ने किताब में पाकिस्तान की जेल की तंग कोठरियों की दुर्दशा का वर्णन किया है जहां उन्हें जंजीरों में बांधकर रखा गया था और जहां साथी कैदी उन पर छींटाकशी करती थीं।
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