नई दिल्ली। चीनी सरकार (China Government) ने लगभग 10 लाख मुस्लिमों (Uyghur Muslims) पर कार्रवाई करते हुए उन्हें अशांत जिंगजियांग प्रांत में कैदखानों में बंद किया हुआ है। चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी से अलग विचारधारा रखने वाले धार्मिक या सामुदायिक अल्पसंख्यकों से निपटने का यह चीनी मॉडल है। चीन भले ही केंद्र शासित लद्दाख के निर्माण की निंदा कर सकता है लेकिन वह खुद जिंनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों के दमन को दबाना चाहता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
एमनेस्टी इंटरनेशनल के अनुसार, चीनी सरकार मुस्लिमों पर देश के लिए राजनीतिक वफादारी के साथ-साथ उनके धार्मिक मतों को ना मानने के लिए दबाव बनाती रही है। यह इसलिए है क्योंकि चीन ने शिक्षा के माध्यम से परिवर्तन के नाम से बोले जाने वाले लगभग 30 कैदखानों में लगभग 10 लाख मुस्लिमों को बंद कर दिया है।
यहां मुस्लिमों को चीन के प्रति उनकी वफादारी करने के लिए जबरदस्ती की जा रही है। चीन के सख्त प्रशासन के कारण जिनजियांग प्रांत से ज्यादा पक्षपाती खबरें नहीं निकलने के बावजूद जो थोड़ी-बहुत खबरें बाहर आती हैं, उनके अनुसार मुस्लिमों को उचित तरीके से रमजान मनाने की भी अनुमति नहीं है।
उनके मस्जिदों में जाने पर प्रतिबंध है और रमजान (व्रत) के महीने में भी रेस्तरांओं को जबरदस्ती खुलवाया जाता है। मीडिया रिपोट्र्स के अनुसार, स्थानीय मुस्लिमों पर दबाव बनाने और उन पर नजर रखने के लिए सैनिक जमा रखे हैं। उइगर मुस्लिम मध्य एशियाई देशों के मूल के निवासी हैं जो तुर्की भाषा बोलते हैं। उइगर मुस्लिमों की समस्या को पूरी दुनिया, विशेषकर इस्लामिक राष्ट्र चुपचाप देखते हैं।
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