नई दिल्ली। रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच किसी भी संभावित परमाणु आपदा के कारण भारत में कोई विकिरण संबंधी प्रभाव होने की परिकल्पना नहीं की गई है। केंद्र ने बुधवार को संसद में यह बयान दिया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
तृणमूल कांग्रेस के लोकसभा सदस्य सौगत रे के इस सवाल का जवाब देते हुए कि क्या सरकार ने रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण परमाणु आपदा - यदि कोई होती है तो - के कारण होने वाले परमाणु विकिरण का मुकाबला करने के लिए एहतियाती कदम उठाए हैं, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा, "रूस-यूक्रेन संघर्ष के कारण किसी भी संभावित परमाणु आपदा के परिणाम की भारत में विकिरण प्रभाव की परिकल्पना नहीं की गई है। देश भर में स्थापित भारतीय पर्यावरण विकिरण निगरानी नेटवर्क (आईईआरएमओएन) विकिरण स्तर में किसी भी वृद्धि के शुरुआती संकेत देने के लिए लगातार पृष्ठभूमि विकिरण स्तर की निगरानी करता है।"
उन्होंने कहा, "देश के भीतर स्वीकार्य सीमा से अधिक विकिरण स्तर के एक अप्रत्याशित परि²श्य में, स्थिति को संभालने के लिए एक विकिरण आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना उपलब्ध है।"
मंत्री ने रे के अन्य सवालों का जवाब ना में दिया, जिनमें पूछा गया था कि क्या रूस-यूक्रेन संघर्ष तमिलनाडु में कुडनकुलम रिएक्टर की रक्षा एवं सुरक्षा को प्रभावित करेगा और क्या परमाणु विकिरण के खतरे के कारण कुडनकुलम रिएक्टर को खंडित करने की कोई मांग उठाई गई है।
--आईएएनएस
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