ब्रसेल्स । यूरोप के लगभग आधे हिस्से में सूखे का खतरा है। यह जानकारी यूरोपियन कमीशन की साइंस एंड नॉलेज सर्विस (जेआरसी) की एक रिपोर्ट से सामने आई है। सोमवार को प्रकाशित रिपोर्ट में कहा गया है कि, 10 अगस्त तक यूरोप का 47 प्रतिशत क्षेत्र में सूखे का खतरा मंडरा रहा है। सर्वेक्षण किए गए 17 प्रतिशत क्षेत्र इसके लिए अलर्ट पर है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
शोधकर्ताओं ने कहा कि, यूरोप में मई से ही इस बार कम बारिश हुई है और कई जगह हीटवेव भी है। इससे नदियों में पानी की कमी हो गई है। कम पानी की वजह से जलविद्युत उत्पादन और अन्य बिजली संयंत्रों को ठंडा करने की प्रणाली पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है।
शोधकर्ताओं ने कहा कि, सूखे की वजह से गर्मियों की फसल की पैदावार में काफी कमी आई है। मकई, सोयाबीन और सूरजमुखी की फसल सबसे ज्यादा प्रभावित हुई हैं।
जेआरसी रिपोर्ट में कहा गया है, जर्मनी, फ्रांस और यूके सहित एक दर्जन से अधिक देशों में सूखे का खतरा बढ़ रहा है। मिट्टी में नमी की कमी और वनस्पति पर इसका असर देखा जा सकता है।
रिपोर्ट में कहा गया है, "पहले से ही सूखे से प्रभावित शेष यूरोप में गंभीर रूप से शुष्क स्थिति बनी हुई है। जिन क्षेत्रों में हालात सबसे ज्यादा खराब हो रहे हैं, वे पहले से ही वसंत 2022 में सूखे से प्रभावित थे, उदाहरण के लिए उत्तरी इटली, दक्षिण-पूर्वी फ्रांस और हंगरी और रोमानिया के कुछ क्षेत्र।"
शोधकर्ता भविष्यवाणी कर रहे हैं कि, पश्चिमी यूरो-भूमध्य क्षेत्र में नवंबर तक सामान्य से अधिक गर्मी और शुष्क स्थिति होने की संभावना है।
विशेषज्ञों ने कहा, "हाल में हुई बारिश (मध्य अगस्त) ने यूरोप के कुछ क्षेत्रों में सूखे की स्थिति को कम कर दिया है। हालांकि कुछ क्षेत्रों में, आकाशीय बिजली गिरने से नुकसान हुआ जिससे वर्षा के लाभकारी प्रभाव सीमित हो सकते हैं।"
--आईएएनएस
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