नई दिल्ली। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश के सेना प्रमुख को हटा दिया है और तालिबान की आक्रामक कार्रवाई को रोकने व अपने डिफेंस को मजबूत करने के लिए उत्तरी शहर मजार-ए-शरीफ के लिए उड़ान भरी। बर्खास्त सेनाध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल वली मोहम्मद अहमदजई को गनी ने जून में ही नियुक्त किया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
तब से, अफगानिस्तान की अधिकांश सेना ने तालिबान के सामने आत्मसमर्पण कर दिया और हार मान ली, जिससे विद्रोहियों ने देश की 34 प्रांतीय राजधानियों में से नौ और अधिकांश ग्रामीण इलाकों पर कब्जा कर लिया।
अफगान राष्ट्रीय सेना के विशेष अभियान कमान के प्रमुख, मेजर जनरल हैबतुल्लाह अलीजई ने नए समग्र सेना प्रमुख के रूप में कमान संभाली।
तालिबान ने बुधवार को अपने हमले को आगे बढ़ाया और दक्षिणी शहर कंधार और पूर्वी शहर गजनी में बढ़त बनाई और देश के उत्तर में सरकारी बलों को खदेड़ दिया।
पांच लाख की आबादी वाला मजार-ए-शरीफ, उत्तरी अफगानिस्तान का एकमात्र शेष हिस्सा है जो अभी भी सरकारी नियंत्रण में है। इसके पतन के बाद तालिबान को काबुल पर आक्रमण करने के लिए अपनी सेना इकट्ठा करने की अनुमति मिल जाएगी। (आईएएनएस)
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