नई दिल्ली| अफगानिस्तान के पहले उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने अफगान सेना को धमकी देने और तालिबान को समर्थन प्रदान करने के लिए उसे वायु सेना की मदद देने संबंधी पाकिस्तान की असहमति को सिरे से खारिज कर दिया है। सालेह ने शुक्रवार को एक ट्वीट में कहा कि पाकिस्तान ने 20 से अधिक वर्षों तक क्वेटा शूरा इलाके में तालिबान के आतंकियों की मौजूदगी से इनकार किया है। इस पैटर्न से परिचित अफगान या विदेशी लोग ठीक से जानते हैं कि इनकार का बयान जारी करना सिर्फ एक पूर्व-लिखित पैराग्राफ है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सालेह ने कहा कि उन्होंने सबूतों से संबंधित आउटलेट्स को साझा किया है।
सालेह ने पहले के एक ट्वीट में कहा था कि पाकिस्तान वायु सेना ने अफगान सेना और वायु सेना को आधिकारिक चेतावनी जारी की है कि स्पिन बोल्डक क्षेत्र से तालिबान को हटाने के किसी भी कदम का पाकिस्तान वायु सेना द्वारा सामना किया जाएगा और उसे खदेड़ दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान वायु सेना अब तालिबान को कुछ क्षेत्रों में नजदीकी हवाई सहायता प्रदान कर रही है।
सालेह ने आगे ट्वीट किया कि अगर किसी को पाक वायु सेना और पाक सेना की ओर से डीएएफजी को स्पिन बोल्डक को वापस न लेने की चेतावनी पर मेरे ट्वीट पर संदेह है, तो मैं डीएम के माध्यम से सबूत साझा करने के लिए तैयार हूं। स्पिन बोल्डक आर से 10 किलोमीटर की दूरी पर अफगान विमानों ने 2 बैक ऑफ और फेस एयर को चेतावनी दी है।
सालेह ने कहा है कि तालिबान रावलिंडी के जीएचक्यू की कठपुतली है।
उन्होंने कहा, "क्या तालिबान एक भी अफगान को ये मनावा सकता है कि वे रावलपिंडी के जीएचक्यू की कठपुतली नहीं हैं? वे पाकिस्तान के हाथों में सिर्फ एक हत्या और विनाशकारी दस्ते की तरह हैं जिन्हें पहचान और आत्मविश्वास के संकट से उबरने के लिए जीत की सख्त जरूरत है।"
--आईएएनएस
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