चौधरी ने ट्वीट के जरिए कहा, सुर्खियों के लिए फर्जी खबर प्रसारित करना
सामान्य नियम बन गया है। आसिया बीबी का मसला संवदेनशील है। पुष्टि किए बगैर
उनके देश छोडऩे की खर प्रसारित करना काफी गैर-जिम्मेदार व्यवहार है। मैं
मीडिया के एक वर्ग से जिम्मेदार व्यवहार करने की अपील करता हूं। टीएलपी
सर्वोच्च न्यायालय से आदेश का पुनरीक्षण करने की मांग कर रही है। ये भी पढ़ें - अजब- गजबः बंद आंखों से केवल सूंघकर
देख लेते हैं ये बच्चे
कट्टरपंथी
समूह ने सरकार पर पिछले सप्ताह इस बात के लिए राजी करने को लेकर दबाव डाला
कि बीबी को पाकिस्तान छोडऩे की इजाजत नहीं होनी चाहिए। इसी शर्त पर उसने
अपना आंदोलन वापस लिया था। टीएलपी प्रवक्ता इजाज अशरफी ने ट्वीट के जरिए
कहा कि सरकार के किसी विभाग ने इस बात की पुष्टि नहीं की है कि बीबी विदेश
चली गई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने भरोसा दिलाया है कि पुनरीक्षण याचिका
पर आदेश आने तक वह देश में ही रहेंगी।
कई देशों ने बीबी को शरण देने की
पेशकश की है। इटली के आंतरिक मामलों के मंत्री मट्टियो साल्विनी ने घोषणा
की कि उनका देश आसिया बीबी को पाकिस्तान छोडऩे में मदद करेगा। बीबी के वकील
सैफ मुलूक ने पिछले सप्ताहांत यह कहते हुए पाकिस्तान छोड़ दिया था कि
आसिया के रिहा होने को लेकर हो रहे विरोध के बाद उनकी जान को खतरा है।
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