आकलैंड। न्यूजीलैंड के क्राइस्टचर्च शहर की मस्जिदों में 49 लोगों की हत्या करने वाला आस्ट्रेलियाई ब्रेंटन टैरंट है। टैरंट 28 साल का है। युद्ध के किसी फिल्मी सीन की तरह वह मस्जिद में अंधाधुंध गोलियां बरसाता है और जहां-तहां लाशें बिछ जाती हैं। दिल दहला देने वाला यह मंजर जिसने भी देखा, उसे समझ में नहीं आया कि आखिर कोई इंसान इतना बेरहम कैसे हो सकता है? अब उस गनमैन के बारे में कई जानकारियां सामने आ रही हैं जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर किस वजह से एक साधारण सा दिखने वाला युवक इंसानों की मौत का प्यासा हो गया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
द ग्रेट रिप्लेसमेंट यानी महान बदलाव
टैरंट ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स का रहने वाला है। शुक्रवार को खूनी खेल से पहले उसने अपनी नापाक इरादे का जिक्र करते हुए 73 पेज का एक मैनिफेस्टो भी लिखा था, जिसका शीर्षक है- द ग्रेट रिप्लेसमेंट यानी महान बदलाव। इसमें टैरंट ने खुद को एक साधारण, श्वेत इंसान बताया है। डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले कुछ वर्षों में मुख्य आरोपी ने नॉर्थ कोरिया और पाकिस्तान समेत कई देशों की यात्राएं की थीं और इस दौरान उसके अनुभवों ने उसे 'मौत का सौदागर' बना दिया।
पिता की मौत के बाद दुनिया घूमने के लिये आस्ट्रेलिया छोड़ा
टैरंट ने मैनिफेस्टो में लिखा है कि वह एक वर्किंग क्लास और निम्न आय वाले परिवार में पैदा हुआ। स्कूल के बाद यूनिवर्सिटी जॉइन करने में उसकी कोई रुचि नहीं थी। कैंसर से उसके पिता की मौत करीब 8 साल पहले हो गई थी। उसके बाद उसने दुनिया घूमने के लिए ऑस्ट्रेलिया छोड़ा।
दुनिया के कई देशों की यात्रा कर चुका है
49 मौतों के इस गुनहगार ने बताया है कि उसे बिटकॉइन ट्रेडिंग से काफी पैसे बनाए और उसके बाद 2011 में दुनिया की सैर पर निकल गया। उसने नॉर्थ कोरिया, पाकिस्तान और यूरोप समेत दुनिया के कई देशों की यात्राएं की। टैरंट को जानने वाली एक महिला ने बताया कि पर्सनल ट्रेनर के तौर पर काम करते समय वह अच्छा आदमी दिखता था। ऐसा लगता है कि यात्राओं के दौरान ही ऐसा कुछ हुआ जिससे वह कट्टरपंथी बन गया।
पिता एथलीट थे
बताया जाता है कि टैरंट की मां और बहन ऑस्ट्रेलिया में रहते हैं। उसके पिता ऐथलीट थे और उसे शारीरिक रूप से फिट रहने की प्रेरणा अपने पिता से मिली थी। टैरंट को जानने वाले एक जिम मैनेजर ने बताया कि वह नियमबद्ध तरीके से खाना खाता था और व्यायाम करता था। जिम में टैरंट के साथ काम करने वालों ने कभी उसके मुंह से राजनीतिक या धार्मिक मान्यताओं की बातें नहीं सुनी थीं।
ऐसी ही एक महिला ने कहा, 'पहली बार मुझे यकीन ही नहीं हुआ कि वह ऐसा कैसे कर सकता है पर लगता है कि वह दुनियाभर के देशों की यात्राओं के दौरान बदल गया।' महिला ने कहा, 'मुझे पता है कि वह कई देशों में गया और वहां अलग-अलग चीजों को समझा। मैं कह सकती हूं कि उसकी यात्राओं के दौरान जरूर कुछ हुआ कि वह ऐसा बन गया।'
पाकिस्तान की यात्रा का भी जिक्र किया
टैरंट ने अपने एक फेसबुक मेसेज में पाकिस्तान की यात्रा का भी जिक्र किया है। उसने लिखा है, 'एक अविश्वसनीय जगह जहां दुनिया के काफी अच्छे और उदार लोग रहते हैं।' अपने मैनिफेस्टो में टैरंट ने कहा है कि उसने दो साल पहले ही हमले की साजिश रची थी लेकिन फाइनल लोकेशन 3 महीने पहले चुना। मुख्य आरोपी ने लिखा है कि उसने पहले एक दूसरे मस्जिद को टारगेट करने की योजना बनाई थी लेकिन बाद में अल नूर और दूसरी मस्जिद को चुना क्योंकि वहां ज्यादा 'घुसपैठिए' थे।
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