जकार्ता। इंडोनेशिया के पश्चिमी व उत्तरी सुमात्रा में आई बाढ़ और भूस्खलन से बच्चों समेत कम के कम 22 लोगों की मौत हो गई और 15 अन्य घायल हो गए। अधिकारियों ने शनिवार को इस बारे में जानकारी दी। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन एजेंसी के प्रवक्ता सुतपो पुरवो नुगरोहो ने कहा कि आपदा ने 48 घरों को भी तबाह कर दिया है, हालांकि लापता लोगों के लिए खोज व बचाव अभियान जारी है। मृतकों में अधिकतर एक मदरसे के बच्चे हैं। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सुतपो ने समाचार एजेंसी सिन्हुआ को बताया कि मृतकों में एक इस्लामिक स्कूल के 11 छात्र भी शामिल हैं। इनकी मौत शुक्रवार को बाढ़ के दौरान मंडाइलंग नताल के मौरा सलादी गांव में एक इमारत के गिरने पर उसकी चपेट में आ जाने से हुई। भूस्खलन में एक मदरसा तबाह हो गया और 21 बच्चे बह गए। उन्होंने बताया कि
बचावकर्ताओं ने घंटों बाद कीचड़ और मलबे में से 11 बच्चों के शव निकाले।
बचावकर्ता 10 अन्य बच्चों की तलाश कर रहे हैं जो अब भी लापता हैं। मलबे के अंदर कई लोगों के दबे होने की आशंका है। उन्होंने बताया कि मंडाइलंग नताल में एक कार में से दो शव मिले हैं। यह कार बाढ़ में बह गई थी। इसी इलाके में 17 घर ढह गए और पांच घर बह गए थे।
प्रवक्ता ने कहा कि बचाव अभियान पूरा हो जाने के बाद मरने वालों की
संख्या बढ़ने की संभावना है। पश्चिमी सुमात्रा के तनाह दातार और पसामान
जिलों में भी बाढ़ ने कहर ढाया है और कई मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस बीच
उत्तरी सुमात्रा के सिबोलगा कस्बे में हुए भूस्खलन से कई मकान तबाह हो गए।
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