नयी दिल्ली। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने रविवार को कहा कि वह अगस्त
में अपना दूसरा कार्यकाल खत्म होने के बाद फिर से राज्यसभा के लिये
चुनाव नहीं लडेंगे ।
येचुरी ने कहा कि वह एक और कार्यकाल नहीं मांगेंगे क्योंकि पार्टी का
मानदंड किसी नेता को दो से अधिक बार राज्यसभा के लिए निर्वाचित होने की
अनुमति नहीं देता है। उन्होंने कहा, यह हमारी पार्टी का मानदंड है। इसलिए,
मैं तीसरे कार्यकाल के लिए चुनाव नहीं ल़डूंगा। पार्टी महासचिव के तौर पर
मुझे इस बात को सुनिश्चित करना है कि मानदंड का पालन हो।
वाम दलों में सूत्रों के अनुसार कांग्रेस ने पेशकश की थी कि अगर येचुरी
पश्चिम बंगाल से चुनाव लडते हैं तो माकपा महासचिव के दोबारा निर्वाचन के
लिए वह समर्थन देगी। येचुरी को राज्यसभा में विपक्ष की ओर से अच्छे वक्ताओं
में से एक माना जाता है।
चिर प्रतिद्वंद्वी तृणमूल कांग्रेस के हाथों माकपा को 2016 के पश्चिम बंगाल
विधानसभा चुनाव में करारी हार का सामना करना पडा था। माकपा के राज्य
विधानसभा में सिर्फ 26 विधायक हैं। माकपा के पास इतने विधायक नहीं हैं कि
वह येचुरी या किसी अन्य नेता को राज्य से अपने दम पर राज्यसभा भेज सके।
कांग्रेस के राज्य विधानसभा में 44 विधायक हैं और उसका समर्थन येचुरी के
लिए एक और कार्यकाल सुनिश्चित कर सकता था।
पार्टी के एक सूत्र ने कहा कि
किसी नेता को दो से अधिक बार राज्यसभा के लिए निर्वाचित नहीं करने की प्रथा
एक मानदंड है और जरूरत पडने पर पार्टी इसके विपरीत फैसला कर सकती है।
पार्टी के मानदंड का लक्ष्य पार्टी के भीतर युवा नेताओं को प्रोत्साहित
करना है।
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