नई
दिल्ली। हममे से बहुत से लोगों ने कोयले से चलने वाली ट्रेनों में खूब सफर
किया है। लेकिन जैसे-जैसे जमाना बदलता जा रहा है ट्रेनों में नई
ट्रेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करने लगे है। कोयले से चलने के बाद पेट्रोल और अब
बिजली से (मेट्रो) ट्रेन चलने लगी है। लेकिन आगामी समय में हाइड्रोजन से
ट्रेन चलती हुई नजर आएंगी। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
दरअसल, आप तो जानते है कि दुनिया में ग्लोबल
वार्मिंग को बढ़ाने वाले कारकों में कार्बन गैसों का उत्सर्जन एक अहम कारक
है। इसमें सबसे ज्यादा सडक़ों पर चलने वाले वाहन अहम भूमिका निभाते हैं।
हालांकि कार, बस और डीजल से चलने वाले वाहनों से कार्बन गैसों का उत्सर्जन
सबसे अधिक होता है।
लंबी दूरी की यात्राओं के लिए आम तौर पर इस्तेमाल होने
वाली ट्रेनों से हालांकि प्रदूषक पदार्थों का उत्सर्जन कम होता है, लेकिन
ये भी कार्बन गैसों के उत्सर्जन का प्रमुख कारक हैं। हालांकि अब ऐसी ट्रेन
चलेगी जो बिल्कुल प्रदूषण नहीं फैलाएगी।
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