बड़े लक्ष्य का पीछा करने उतरी पाकिस्तानी टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही।
उसने 13 रन के कुल योग पर अपने सलामी बल्लेबाज इमाम उल हक (7) का विकेट
गंवा दिया। यह विकेट अपना पहला विश्व कप खेल रहे विजय शंकर ने लिया। विजय
अपने साथी भुवनेश्वर कुमार का अधूरा ओवर पूरा कर रहे थे, जो हैमस्ट्रींग के
कारण मैदान से बाहर चले गए और फिर वापस नहीं आए।
विजय ने पांचवें
ओवर की पांचवीं गेंद पर इमाम को चलता किया। इसके बाद हालांकि बाबर आजम (48)
और फकर जमान (62) ने दूसरे विकेट के लिए 104 रनों की साझेदारी करते हुए
स्थिति को सम्भालने की कोशिश की लेकिन बढ़ते आस्किंग रन रेट का जबाव उन पर
हावी होता रहा।
इसी का नतीजा था कि बाबर 117 रन के कुल योग पर अपना
संयम खो बैठे और कुलदीप यादव की गेंद पर बोल्ड हो गए। बाबर ने 57 गेंदों पर
तीन चौके और एक छक्का लगाया। अपने साथी के जाने के बाद फकर भी अधिक देर
टिक नहीं सके और 126 के कुल योग पर कुलदीप की गेंद पर डीपफाइन लेग पर
युजवेंद्र चहल के हाथों लपके गए। फकर ने 75 गेंदों पर सात चौके और एक छक्का
लगाया।
इसके बाद पाकिस्तान को 129 के कुल योग पर दो लगातार झटके
लगे। हार्दिक पांडया ने मोहम्मद हफीज (9) और शोएक मलिक (0) को लगातार
गेंदों पर आउट करके पाकिस्तान की उम्मीदें धुंधली कर दीं। कप्तान सरफराज
(12) ने इमद वसीम (नाबाद 46) के साथ संघर्ष करने का प्रयास किया लेकिन 165
के कुल योग पर वह भी पवेलियन लौट गए।
इमद का साथ देने शादाब खान
(नाबाद 20) आए। इसी बीच बारिश आ गई। उस समय तक पाकिस्तान ने 6 विकटे पर 166
रन बनाए थे। कुछ देर बाद जब खेल शुरू हुआ तो पाकिस्तान को 40 ओवरों में
302 रनों का लक्ष्य मिला, जिसे हासिल कर पाना उसके लिए नामुमकिन था। अंतत:
पाकिस्तानी टीम तमाम प्रयासों के बाद 40 ओवरों में छह विकेट पर 212 रन ही
बना सकी।
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