नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को जनऔषधि दिवस समारोह को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से संबोधित करते हुए कहा कि जन औषधि योजना सेवा और रोजगार दोनों का माध्यम बन रही है। ये योजना गरीब और विशेष रूप से मध्यम वर्गीय परिवारों की बहुत बड़ी साथी बन रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "जन औषधि केंद्रों में सस्ती दवाई के साथ-साथ युवाओं को आय के साधन मिल रहे हैं। 1,000 से ज्यादा जन औषधि केंद्र तो ऐसे हैं, जिन्हें महिलाएं ही चला रही हैं। यानी ये योजना बेटियों की आत्मनिर्भरता को भी बल दे रही है। इस योजना से पहाड़ी क्षेत्रों में, नॉर्थईस्ट में, जनजातीय क्षेत्रों में रहने वाले देशवासियों तक सस्ती दवा देने में मदद मिल रही है।" ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, "आज शिलांग में 7,500वे केंद्र का लोकार्पण किया गया है। नॉर्थईस्ट में जनऔषधि केंद्रों का कितना विस्तार हो रहा है। 7500 के पड़ाव तक पहुंचना इसलिए भी अहम है, क्योंकि 6 साल पहले देश में ऐसे 100 केंद्र भी नहीं थे। हम जितना जल्दी हो सके, उतना जल्दी 10,000 का लक्ष्य पूर्ण करना चाहते हैं। इस योजना से फार्मा सेक्टर में संभावनाओं का एक नया आयाम भी खुला है।"
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 'मेड इन इंडिया दवाइयां' और सर्जिकल्स की मांग भी बढ़ी हैं। मांग बढ़ने से उत्पादकता भी बढ़ी है, जिससे बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। (आईएएनएस)
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