नई दिल्ली। हाल के चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद पार्टी के एक
महासचिव ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। ओडिशा पंचायत चुनावों में
शिकस्त के चलते पार्टी महासचिव बीके हरिप्रसाद ने इस्तीफा दे दिया है। वे
ओडिशा कांग्रेस के प्रभारी भी थे। उन्होंने यहां पर हार की जिम्मेदारी ली
है। ओडिशा पंचायत चुनावों के नतीजों में कांग्रेस तीसरे पायदान पर फिसल गई
है। भाजपा ने मुख्य विपक्ष की उसकी भूमिका हथिया ली है।
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कांग्रेस प्रवक्ता ब्रजेश कलप्पा ने कहा कि हरिप्रसाद ने पंचायत चुनावों
में पार्टी के कमजोर प्रदर्शन की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए पद छोडा है।
उन्होंने बताया, उन्होंने ऎसा राहुल गांधी का हाथ मजबूत करने के लिए किया
है।
इसी बीच में पार्टी में असंतोष भी बढता दिख रहा है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री
वीरप्पा मोइली ने पार्टी में संरचनात्मक बदलाव, बडी सर्जरी और सत्ता
विकेंद्रीकरण की जरूरत बताई है। हालांकि उन्होंने यह भी साफ किया कि यह बात
सोनिया गांधी या राहुल गांधी पर लागू नहीं होती है। उन्होंने उत्तर प्रदेश
के नतीजों पर कहा कि यह सपा और बसपा की अस्मिता की राजनीति की हार है और
कांग्रेस को इस प्रक्रिया के दौरान नुकसान उठाना पडा।
मोइली ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, हमारे पास सैंकडों अमित शाह हैं।
लेकिन उन्हें ताकत देने और सामने लाने की जरूरत है। वे जिम्मेदारियां
संभालने की योग्यता रखते हैं। सभी राज्य इकाइयों और एआईसीसी में हमें
पार्टी को विकेंद्रित करना होगा। कांग्रेस में संरचनात्मक बदलाव की जरूरत
है।
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