अभिषेक मिश्रा,लखनऊ। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष केशव मौर्य के उप मुख्यमंत्री तथा पार्टी के दो महामंत्री व तीन उपाध्यक्षों के मंत्री बन जाने के बाद पार्टी संगठन में फिर फेरबदल किया जा सकता है। भाजपा एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत को तरजीह देती है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि पिछड़ा वर्ग से प्रदेश अध्यक्ष देकर सूबे की 312 विधानसभा सीटें जीतने वाली भाजपा इस बार किसी दलित नेता को सूबे का नेतृत्व दे सकती है।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि जिन विधायकों पर सभी की निगाहे हैं वे सरकार का हिस्सा नहीं बन पाये हैं, उन्हें संगठन में अहम जिम्मेदारी सौपी जा सकती है। ऐसे विधायकों में प्रदेश के महामंत्री व पश्चिमी यूपी के दूसरे चर्चित विधायक हैं। भाजपा ने इस बार अपने चार महामंत्री विधानसभा चुनाव में उतारे थे, लेकिन दो महामंत्री चुनाव हार गये, इनमें एक जौनपुर के विद्या सागर सोनकर व दूसरे कानपुर के सलिल विश्नोई शामिल है जबकि दो महामंत्री पंकज सिंह व अनुपमा जायसवाल चुनाव जीते हैं।
पार्टी ने प्रदेश महामंत्री अनुपमा जायसवाल व स्वतंत्र देव सिंह को सरकार में मंत्री पद भी दे दिया है, ऐसे में र्चचा है कि पार्टी अगड़ों या दलितों में किसी को प्रदेश नेतृत्व सौंप सकती है। संगठन में फेरबदल तकरीबन तय है और हिन्दू नव वर्ष शुरू होते ही इस पर निर्णय हो जाएगा।
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