नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद सत्यपाल सिंह ने शुक्रवार
को मानवाधिकार संरक्षण (संशोधन) विधेयक 2019 का विरोध करने को लेकर विपक्ष
की आलोचना करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति में कभी मानवाधिकार को लेकर बात
नहीं की गई है, बल्कि अच्छे सदाचारी मानवीय चरित्र पर जोर दिया गया है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
लोकसभा
में विधेयक पर बहस में हिस्सा लेते हुए मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त ने
कहा, ‘‘मानव प्रकृति की विशेष रचना है। हमारा मानना है कि हम भारतीय संतों
की संतान हैं। हम उनकी भावना को ठेस नहीं पहुंचाना चाहते हैं जिनका कहना है
कि वे बंदरों की संतान हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमारी संस्कृति में
मानवीय चरित्र के निर्माण पर जोर दिया जाता है। हमारे वेदों में हमें
सदाचारी मानव बनने और अच्छे मानव पैदा करने की शिक्षा दी गई है। हमारी
संस्कृति सच्चे मानव बनने पर जोर देती है।’’
संस्कृति में एक उद्धरण
पेश करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा और चर्च जाने से
धर्म की कसौटी पूरी नहीं होती है। धर्म के अनुसार, हमें उसी तरह का व्यवहार
करना चाहिए जिस तरह के व्यवहार की अपेक्षा हम दूसरों से अपने लिए करते
हैं। अगर मैं चाहता हूं कि कोई मुझे तंग न करे तो मुझे भी किसी दूसरे को
तंग नहीं करना चाहिए। यह धर्म है।’’
(आईएएनएस)
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