नई दिल्ली। बैंकों से धोखाधड़ी करके भारत से भगोड़ा घोषित हो चुके विजय माल्या की मुश्किले और बढ़ गई है। बुधवार को एक मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट ने माल्या को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। मनी लॉन्ड्रिंग के 6000 करोड़ के मामले में माल्या के खिलाफ ये आदेश बुधवार को सुनाया गया। एंटी मनी लॉन्ड्रिंग कोर्ट के विशेष जज एमएस आजमी ने माल्या को गिरफ्तार करने के लिए गैर जमानती वारंट जारी किया। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
ईडी ने इस मामले में माल्या के खिलाफ एक नई चार्जशीट दाखिल की थी। इसके साथ ही कोर्ट ने माल्या की फर्म किंगफिशर एयरलाइंस और यूनाइटेड ब्रेवरीज होल्डिंग लिमिटेड को भी समन जारी किया। इस मामले में अगली सुनवाई 30 जुलाई को होगी।
ईडी ने पिछले साल माल्या के खिलाफ पहली चार्जशीट 900 करोड़ के मामले में दाखिल की थी। ये मामला आईडीबीआई बैंक और किंगफिशर एयरलाइन्स लोन फ्रॉड के मामले में थी। नई चार्जशीट स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की ओर से शिकायत मिलने के बाद दर्ज की गई। एजेंसी ने माल्या, उसकी कंपनियों- केएफएल और यूबीएचएल और अन्य के खिलाफ धनशोधन रोकथाम अधिनियम के तहत आरोपपत्र दायर किया है। इस आरोपपत्र को अभियोजन शिकायत के रुप में भी जाना जाता है।
ईडी ने पिछले साल माल्य के खिलाफ 900 करोड़ रुपये के आईडीबीआई बैंक-किंगफिशर एयरलाइंस ऋण धोखाधड़ी मामले में अपना पहला आरोपपत्र दायर किया था। नया आरोपपत्र बैंकों के समूह की ओर से भारतीय स्टेट बैंक द्वारा दर्ज की गई शिकायत पर आधारित है। भारतीय स्टेट बैंक ने माल्या एवं अन्य के खिलाफ 2005-06 में लिए गए ऋण को नहीं चुकाकर बैंकों को 6,027 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचाने की शिकायत की थी।
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