नई दिल्ली। भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को अपने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की इजाजत मिल गई है। लंदन की रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने भगोड़े शराब कारोबारी माल्या को अपील की इजाजत दे दी है। बता दें कि माल्या ने कोर्ट में मौखिक सुनवाई के लिए आवेदन किया था, जिसे सुनने के लिए कोर्ट तैयार हो गया था। कोर्ट में इस केस की सुनवाई के लिए 4 घंटे का समय तय किया था। यदि मौखिक सुनवाई के दौरान कोर्ट माल्या को अपीन करने की इजाजत नहीं देती तो माल्या का जल्द भारत आना तय माना जा रहा था। सुनवाई से पहले ही माल्या इस सुनवाई को लेकर सकारात्मक थे। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
माल्या ने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ लिखित आवेदन 14 फरवरी को दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने 5 अप्रैल को खारिज कर दिया था। इसके बाद कोर्ट में मौखिक सुनवाई के लिए माल्या ने फिर से आवेदन किया था, जिस पर कोर्ट सुनवाई के लिए तैयार हो गया था। कोर्ट ने 4 घंटे का स्लॉट माल्या की केस की सुनवाई के लिए तय किया था। जस्टिस लिगेट और और जस्टिस पॉपलिवेल की बेंच माल्या की याचिका पर सुनवाई की।
बता दें, विजय माल्या को कथित रूप से 9,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी और मनी लांड्रिंग के मामले का सामना करने के लिए भारत को सौंपा जाना है। बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख 63 वर्षीय माल्या पहले ही दस्तावेज के जरिये अपील करने की छूट के मामले में ब्रिटेन के उच्च न्यायालय में हार चुके हैं। लंदन में रॉयल कोर्ट आफ जस्टिस के प्रशासनिक अदालत खंड की दो जजों की पीठ अप्रैल में दायर इस अपील पर सुनवाई करेगी।
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