नई दिल्ली। बैंकों का लगभग 9000 करोड़ रुपये का कर्ज नहीं चुकाने के मामले में भगोड़ा घोषित उद्योगपति विजय माल्या के प्रत्यर्पण केस में भारत को बड़ी कामयाबी मिली है। ब्रिटिश सरकार ने विजय माल्या के प्रत्यर्पण को मंजूरी दे दी है। हालांकि प्रत्यर्पण को मंजूरी मिलने के बाद भी माल्या को लंदन की सुप्रीम कोर्ट में अपील करने के लिए 14 दिन का समय मिला है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
इससे पहले विजय माल्या ने चौंकाने वाला दावा किया है। उन्होंने कहा, ‘मेरी कंपनी की 13,000 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति जब्त की जा चुकी है।’ माल्या ने ट्वीट के जरिए दावा किया कि उसे कर्ज देने वाले बैंक ने अपने वकीलों को उसके खिलाफ छोटे-मोटे मामले दर्ज करने की खुली छूट दी हुई है।
माल्या ने कानूनी फीस के रूप में सार्वजनिक धन के बेकार इस्तेमाल पर सवाल उठाया है। शराब कारोबारी ने कहा, ‘हर सुबह मैं पाता हूं कि डीआरटी (कर्ज वसूली अधिकरण) के वसूली अधिकारी ने एक और संपत्ति को जब्त कर लिया। जब्त की गई संपत्तियों का मूल्य 13 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है। बैंकों ने दावा किया है कि सभी तरह के ब्याजों को मिलाकर उनका नौ हजार करोड़ रुपए बकाया है और इसकी भी समीक्षा की जानी है।
यह कितना आगे तक जाएगा? क्या यह न्याय संगत है?’ माल्या ने कहा कि डीआरटी के वसूली अधिकारी ने भारत में बैंकों की ओर से हाल में उसके समूह की 13 हजार करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की है। माल्या ने कहा, कहा जा रहा है कि मैं 9 हजार करोड़ रुपए लेकर भाग गया जिससे सरकारी बैंकों को नुकसान हुआ, तो न्याय या निष्पक्षता कहां है?
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