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स्वामी की PM मोदी से अपील, अयोध्या में जल्द शुरू हो राम मंदिर निर्माण

Urgently build the Grand Ram Mandir at Ayodhya: Subramanian Swamy - India News in Hindi

नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव समाप्त होने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू हो गया है। मोदी सरकार का दूसरा कार्यकाल शुरू होते ही अयोध्या में राम मंदिर निर्माण मुद्दे को लेकर एक बार फिर से लोगों की अपेक्षाएं बढ़ गई हैं। अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर संत समाज एक बार फिर मोर्चा खोलने जा रहा है। राम मंदिर निर्माण को लेकर अयोध्या में सोमवार को संत बड़ी बैठक करने जा रहे हैं।

वहीं बीजेपी के ही वरिष्ठ नेता सुब्रमण्यन स्वामी ने भी प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखकर राम मंदिर निर्माण का काम जल्द-से-जल्द शुरू करवाने की अपील की है। स्वामी ने आज ट्वीट कर इसकी जानकारी दी और राम जन्मभूमि के कानूनी पहलुओं को लेकर अपनी पुरानी राय जाहिर की। सुब्रमण्यन स्वामी ने बताया, ‘पीएम को लिखी एक चिट्ठी में मैंने बताया कि सरकार को सुप्रीम कोर्ट की अनुमति की दरकरार है। उनको यह गलत कानूनी सलाह मिली है। नरसिम्हा राव ने उस जमीन का राष्ट्रीयकरण कर दिया था और अनुच्छेद 300 ए के तहत सुप्रीम कोर्ट कोई सवाल नहीं उठा सकता है, सिर्फ मुआवजा तय कर सकता है। इसलिए, अभी से निर्माण शुरू करने में सरकार के सामने कोई बाधा नही है।’

पीएम को लिखे अपने चार पन्ने के पत्र में स्वामी ने रामसेतु को प्राचीन स्मारक एवं पुरातात्विक स्थल तथा अवशेष अधिनियम, 1958 के तहत राष्ट्रीय पौराणिक स्मारक की मान्यता देने की भी अपील की है। उन्होंने मद्रास हाई कोर्ट की ओर से भारत सरकार को भेजे गए उस नोटिस का भी जिक्र किया, जिसमें कोर्ट ने सरकार से पूछा था कि आखिर रामसेतु को राष्ट्रीय पौराणिक स्मारक क्यों घोषित नहीं किया जाना चाहिए। स्वामी ने लिखा, ‘जहां तक मुझे पता है कि संस्कृति मंत्रालय से राम सेतु राष्ट्रीय धरोहर की मान्यता देने की स्वीकृति मिल चुकी है, लेकिन पता नहीं किस कारण से मंत्रिमंडल से स्वीकृति नहीं दी गई है।’

वरिष्ठ बीजेपी नेता ने चिट्ठी में कहा कि दूसरा महत्वपूर्ण मुद्दा राम मंदिर निर्माण का है जिसके लिए सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से (67 एकड़ से ज्यादा) अविवादित जमीन लौटाने की मांग की है ताकि मंदिर निर्माण कार्य प्रारंभ हो सके। सॉलिसिटर जनरल की यह याचिका गलत है। सरकार को अपने कब्जे वाली जमीन को सुप्रीम कोर्ट से वापस मांगने की कोई दरकरार नहीं है। संविधान की धारा 300 ए और भूमि अधिग्रहण पर सुप्रीम कोर्ट के तमाम फैसलों के मद्देनजर केंद्र सरकार को सार्वजनिक हित में किसी की भी जमीन या संपत्ति पर कब्जा करने का अधिकार प्राप्त है।

नरसिम्हा राव सरकार का हवाला...
स्वामी ने आगे कहा कि नरसिम्हा राव सरकार ने 1993 में पूरी जमीन, विवादित और अविवादित दोनों, पर कब्जा कर लिया था और 1994 में सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ ने इसे वैध करार दिया था। उसके बाद राम जन्मभूमि न्यास समिति के सिवा सभी पक्षों ने सरकारी मुआवजे को स्वीकार कर लिया था। इसलिए उस कानून की मेरी समझ कहती है कि भारत सरकार को सुप्रीम कोर्ट समेत किसी भी अथॉरिटी से अनुमति लेने की जरूरत नहीं है। स्वामी ने लिखा, ‘मेरा पुरजोर सुझाव है कि अब वक्त बिताए बिना सरकार अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए राम मंदिर निर्माण के लिए विवादित और अविवादित, दोनों भूखंडों का आवंटन करे।’

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Web Title-Urgently build the Grand Ram Mandir at Ayodhya: Subramanian Swamy
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