नई दिल्ली। यूपी विधानसभा नतीजों के बाद अब सबकी नजरे इस ओर टिकी है कि यूपी का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा। यूपी सीएम के नाम को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है। गुरुवार को अमित शाह ने यूपी सीएम पद के लिए नाम सुझाने की जिम्मेदारी यूपी बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य को सौंपी।
इससे यह माना जा रहा था कि केशव प्रसाद मौर्य यूपी सीएम की रेस से बाहर हो गए हैं लेकिन अब खुद केशव प्रसाद मौर्य ने सीएम पद के लिए खुलकर दावेदारी जताई। साथ ही यह भी स्पष्ट हो गया कि यूपी में नए मुख्यमंत्री का शपथ ग्रहण रविवार को होगा।
राजनाथ और
योगी की दावेदारी खतरे में...
सवाल उठ रहे हैं कि उत्तराखंड में बतौर सीएम राजपूत चेहरा आगे करने के
बाद क्या बीजेपी यूपी में भी ऐसा करेगी या उत्तराखंड के इस कदम के बाद मान
लिया जाए कि राजनाथ सिंह और योगी आदित्यनाथ (दोनों राजपूत) सीएम रेस से
बाहर हो गए हैं। दरअसल, कभी यूपी के हिस्सा रहे उत्तराखंड के इस बड़े राजनीतिक फैसले का
सीधा असर यूपी पर पड़ने जा रहा है।
उत्तराखंड में सीएम पद की रेस के लिए
त्रिवेंद्र सिंह रावत के नाम का जिक्र पहले से भी चल रहा था। ऐसे में
बीजेपी से इस तरह की खबरें भी आई थीं कि अगर यूपी के लिए राजनाथ सिंह के
नाम की घोषणा पहले हो गई तो त्रिवेंद्र सिंह रावत का नाम खुद कट जाएगा। ऐसा
इसलिए क्योंकि बीजेपी यूपी और उत्तराखंड, दोनों के लिए ही अगड़ी जाति
(राजपूत) का चेहरा आगे कर सामाजिक समीकरणों को नजरअंदाज नहीं कर सकती। अब
इसका उलट कहीं इस ओर इशारा तो नहीं करता कि करता है कि यूपी में राजनाथ और
योगी की दावेदारी खतरे में पड़ गई है।
मौर्य ने एक न्यूज चैनल से बात करते हुए सीएम पद के लिए दावेदारी जताई। मौर्य ने कहा कि इसके लिए कई नाम आलाकमान को भेजे गए हैं और उन्होंने खुद अपना नाम भी भेजा है। मौर्य के अलावा सीएम रेस में मनोज सिन्हा के नाम की अटकलें सबसे तेज हैं।
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