नई दिल्ली। भारत ने इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में कुलभूषण जाधव की फांसी की सजा को चुनौती दी है। गौरतलब है कि भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने जासूस बताते हुए फांसी की सजा सुनाई है। इस बीच संयुक्त राष्ट्र की एक समिति ने अपनी रिपोर्ट में पाक की सैन्य अदालतों के काम काज पर सवाल उठाए हैं और चिंता व्यक्त की है। समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि जाधव जैसे मामलों की सुनवाई सिविल कोर्ट में होनी चाहिए। समिति ने कहा है कि मिलिटरी कोर्ट सेना का हिस्सा होने की वजह से आजाद नहीं है लिहाजा सिविलियन से जुडे मामले सिविल कोर्ट में चलाए जाए।
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संयुक्त राष्ट्र की समिति यूएन कमिटी अगेंस्ट टॉर्चर की रिपोर्ट पिछले हफ्ते प्रकाशित हुई है। इस रिपोर्ट में समिति ने चिंता व्यक्त की है कि पाकिस्तान सरकार ने मिलिटरी कोर्ट आतंकवाद से जुडे अपराधों के मामले में सिविलियंस के ट्रायल का अधिकार दिया है। साथ ही कमिटी ने इस बात पर भी चिंता जाहिर की है कि सेना बिना किसी न्यायिक प्रक्रिया के संदिग्ध व्यक्तियों को हिरासत में ले सकती है।
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