बीकानेर। अपने खेतों में कृषि और पशुपालन में नवाचारों के साथ विशिष्ट कार्य करके नाम करने वाले 26 ख्यातनाम “कृषक वैज्ञानिक“ 9 व 10 मार्च को वेटरनरी विश्वविद्यालय में आयोजित राष्ट्रीय मंथन में अपने अनुभव और कार्यों को साझा करेंगे। [ अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
वेटरनरी विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. ए.के. गहलोत ने बताया कि भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् ने पूरे देश में ऐसे 100 कृषक वैज्ञानिकों को चिन्हित किया है जिन्होंने अपनी जीजिविषा और निष्ठा से खेतों में नया करके कृषि से आय बढ़ाने के तरीकों को ईज़ाद किया है।
उत्तरी भारत के छह राज्यों से 26 कृषक वैज्ञानिक प्रदेश भर से पहुँचने वाले करीब 150 प्रगतिशील कृषक और पशुपालकों से संवाद करेंगे। दो दिवसीय सम्मेलन में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् के संस्थानों, कृषि व वेटरनरी विश्वविद्यालय के प्रमुख वैज्ञानिक भी शिरकत करेंगे।
उन्होंने बताया कि इस संगोष्ठी में कृषि और पशुपालन से उत्पादन में वृद्धि और नव तकनीकों के समावेश पर विचार-विमर्श किया जाएगा। कृषक वैज्ञानिकों ने अपने यहां अनूठे कार्यों और नवाचारों से विशिष्ठ पहचान बनाई हैं क्योंकि देश के कई मंचों पर इसकी सराहना हुई है।
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