कानपुर। कांग्रेस सपा ने जिस सामाजिक तान-बाना से गठबंधन किया था वह तो प्रदेश में सफल नहीं हो सका। पर कानपुर में मोदी की सुनामी के बावजूद गठबंधन भाजपा के दो सिटिंग विधायकों को पटखनी देने में कामयाब रहा। इसी के चलते गठबंधन के नेता अपने को बहुत राहत महसूस कर रहें है। [ अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
शहर की कैंट विधानसभा में लगातार छह बार से कमल खिलता आ रहा है। यह अलग
बात है कि पिछली बार परिसीमन के चलते यहां से पांच बार के विधायक सतीश महाना
महाराजपुर सीट पर अपना भाग्य अजमाया और जीत दर्ज की। जिसके बाद इस सीट से
रघुनंदन भदौरिया ने पार्टी पर खरा उतरे। यही हाल पड़ोसी सीट आर्यनगर सिटिंग
विधायक सलिल विश्नोई का रहा जो तीन बार विधायक बने। लेकिन प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी की सुनामी यह दोनों विधायक किनारे रह गये और जीत का सेहरा
गठबंधन के सिर जा पहुंचा। आर्यनगर से मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के बेहद करीबी
अमिताभ बाजपेयी ने सलिल विश्नोई को 5729 वोटों के अंतर से हराया। इसी तरह कैंट
से कांग्रेस प्रत्याशी सुहैल अंसारी ने रघुनंदन सिंह भदौरिया को 9710 वोटों से
मात दी। इन दोनों सीटों पर गठबंधन की जीत से दोनों पार्टियों के नेता काफी
राहत महसूस कर रहें है। हालांकि भाजपा की इस भारी जीत से गठबंधन के नेता
एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप करने में भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहें है।
Politics At Peak : अमेठी में कांग्रेस नेता सुबह भाजपा में गए, शाम को घर वापसी
वोटिंग ऑफर : अंगुली पर लगी नीली स्याही दिखाकर दो दिन 50 प्रतिशत तक की छूट ले सकेंगे मतदाता
भाजपा उम्मीदवारों को जनता समझती है, वोट की चोट से देगी जवाब : दिग्विजय चौटाला
Daily Horoscope