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दिल्ली। लोकसभा (Lok Sabha) के बाद तीन तलाक बिल (Triple Talaq Bill) राज्यसभा (Rajya Sabha) से भी पास हो गया है। तीन तलाक
बिल पास होने के बाद कहीं इसको लेकर जश्न का माहौल है तो कहीं पर इस बिल
का विरोध हो रहा है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
तीन तलाक बिल का विरोध करने वाले ऑल इंडिया मुस्लिम
पसर्नल लॉ बोर्ड (AIMPLB) के संयोजक जफरयाब जिलानी ने कहा कि
बीजेपी इसको चुनावी घोषणापत्र का हिस्सा समझ कर पास कराना चाहती थी। वह
कामयाब हो गई। हालांकि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है। उन्होंने कहा कि भले
ही बिल पास होकर कानून बन जाए लेकिन इसमें खामियां हैं। इसकी जो असंवैधानिक
बाते हैं, उनको स्टडी कर रहे हैं।
उसको सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी
जाएगी। हालांकि उससे पहले हमारी लीगल कमेटी की मीटिंग होगी। उसमें इस पर
अंतिम फैसला लिया जाएगा। इसके साथ ही कहा कि संसद ने यदि इसे पास किया है
तो इसे वापस (Repeal) भी ले सकती है। ये कोई बड़ी बात नहीं है।
ये गलत हुआ है, इसकी कोई जरूरत नहीं थी। जब बीजेपी की सरकार हटेगी तो भी (Repeal) भी कर सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि मंगलवार को तीन तलाक विधेयक कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद
द्वारा मुस्लिम महिला (विवाह पर अधिकारों का संरक्षण) विधेयक, 2019 बहस और
पारित करने के लिए ऊपरी सदन में पेश किया गया। इस दौरान कानून मंत्री ने
कहा कि कई इस्लामिक देशों में इस प्रथा पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
लेकिन, भारत ने धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र होने के बावजूद ऐसा नहीं किया। इससे
पहले यह विधेयक लोकसभा में पारित किया गया था। विधेयक में मुस्लिम समुदाय
में तत्काल तलाक देने के मामले में पुरुषों के लिए सजा का प्रावधान रखा गया
है। इसी प्रावधान को लेकर विपक्षी दलों और मुस्लिम समाज के एक हिस्से को
आपत्ति रही है।
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