टोंक। राजस्थान पुलिस की सीसीटीएनएस (क्राइम क्रिमिनल ट्रेकिंग नेटवर्क सिस्टम) के माध्यम से पारदर्शी, जवाबदेह एवं प्रभावी पुलिस व्यवस्था स्थापित करने के प्रयासों के तहत टोंक राजस्थान का पहला जिला है, जिसने सभी थानों में सीसीटीएनएस का प्रभावी उपयोग प्रारम्भ करने में सफलता हासिल की है ।
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जिला पुलिस अधीक्षक प्रीति जैन ने बताया कि सर्वप्रथम थाना सदर, महिला थाना टोंक, दतवास एवं थाना मालपुरा पर सीसीटीएनएस प्रारम्भ किया गया था जिसके बाद जिले के अन्य 14 थानों को ऑन लाईन किया गया तथा शेष रहे 4 थानों को भी सीसीटीएनएस के तहत ऑनलाइन कर दिया गया है। अब जिले के सभी पुलिस थाने सीसीटीएनएस पर ऑन लाईन हो चुके है।
उन्होंने बताया कि शहरी एवं ग्रामीण थानों में बिजली कनेक्शन, इन्टरनेट कनेक्टिविटी, प्रशिक्षित पुलिस कम्प्यूटर ऑपरेटर इत्यादि की समस्या को सुलझाते हुए जिला पुलिस टोंक रोजनामचा आम, एफआईआर, अनुसंधान इत्यादि कार्यो में सीसीटीएनएस पर पूर्णतया ऑनलाइन हो चुकी है। जिससे आने वाले समय में पुलिस कार्यो की विश्वसनीयता, पारदर्शिता एवं प्रभावी सुपरविजन में अभूतपूर्व सुधार परिलक्षित होगा। पुलिस थानों से जिला एवं पुलिस मुख्यालय एवं अन्यत्र पुलिस विभाग में परस्पर पत्राचार एवं सूचनाओं का आदान प्रदान सरल हो सकेगा। अनावश्यक स्टेशनरी, रिकॉर्ड के रखरखाव में कमी आयेगी।
सीसीटीएनएस ऑन लाईन प्रारम्भ होने से परिवादी द्वारा अपनी एफ आईआर के सम्बन्ध में शिकायत करने पर उच्च अधिकारी अपने स्तर पर सम्बन्धित थाने की एफ आईआर का अवलोकन कर सकेगे एवं सम्बन्धित अनुसंधान अधिकारी को दिशा निर्देश जारी कर सकेगे। थानों से पत्रावली मंगवाने की आवश्यकता समाप्त हो जायेगी, जिससे उच्चाधिकारियों द्वारा प्रभावी मॉनिटरिंग हो सकेगी।
उन्होंने बताया कि उच्चाधिकारी एफ आईआर, शिकायत, आपराधिक फाईल, प्रकरण की प्रगति रिपोर्ट, पुलिस स्टेशन की प्रगति रिपोर्ट, नागरिक सेवाओं का अवलोकन कर सकते है एवं तत्काल निर्देश जारी कर सकते है। जांच रिपोर्ट को स्वीकृत या अस्वीकृत कर सकते है।
सीसीटीएनएस में पुलिस का पहला कार्य रोजनामचा आम व जनरल डायरी है, जिसके तहत पुलिस थाना की प्रत्येक होने वाली गतिविधियॉं रिकार्ड की जाती है, सीसीटीएनएस में यह निर्धारित समय पर ही करना होगा, जिसमें किसी भी प्रकार का फेरबदल सम्भव नहीं हो सकेगा, इससे रोजनामचा आम की जनता एवं कानून प्रक्रिया में विश्वसनीयता बढ़ेगी।
सीसीटीएनएस के तहत जिले से राज्य एवं राज्य से भारत के अपराधियों के आपराधिक रिकार्ड का डेटाबेस तैयार हो जाएगा, जिससे पुलिस को अपराधी के बारे में सारी जानकारी तुरन्त ही प्राप्त हो जायेगी। वर्तमान में आम नागरिक को अपनी एफ आईआर के लिए थाने पर जाना पड़ता है, सीसीटीएनएस के तहत परिवादी ऑन लाईन ही अपनी एफ आईआर की प्रति प्राप्त करसकेगा, उसको थाने पर जाने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
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