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उदयपुर। मेवाड़ में होली दहन के साथ कई तरह के पर्व और मेले शुरू होते हैं, उसी में से एक है नवमी को जावरमाइंस क्षेत्र में भरने वाला मेला और नेजा उतारने की परंपरा। जावर माता मंदिर प्रांगण में बुधवार को मेला भरा, जिसमें दूर दराज से हजारों लोग इसमे शामिल हुए। दिन भर मेले में मनोरंजन के बाद शाम को गैर नृत्य और उसके बाद सेमल की कांटे दार पेड़ पर बांधा हुआ नेजा उतारने की रोमांचित कर देने वाली प्रतियोगिता हुई।
उदयपुर से 30 किलोमीटर दूर जावर माइंस की पहाडिय़ों स्थित जावर माता मंदिर में दिन भर यह मेला भरा। यह मेला इसलिए भी खास होता है क्योंकि इस मेले में होती है नेजा उतारने की रोमांचित और अचंभित कर देने वाली परंपरा। इस खास मेले में क्षेत्र के हजारों लोग आते हैं। मेले में ढोल की थाप पर गैर नृत्य होता है, जिसमें पुरुष लाठियों से गैर खेलते हैं तो महिलाएं उनके साथ ताली बजाते हुए घेरे में गैर नृत्य करती हैं।
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