जयपुर। वन एवं पर्यावरण मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर ने शनिवार को विधानसभा में कहा कि सेंचुरी क्षेत्र में आने वाले गांवों का रिलोकेशन कर प्रभावितों को अच्छा पैकेज दिया जाएगा। साथ ही जन व मवेशियों की हानि होने पर उन्हें पर्याप्त मुआवजा मिले इसके लिए कमेटी बना कर उचित निर्णय लिया जाएगा। खींवसर मांग संख्या 9 वन (पर्यावरण सहित) की अनुदान मांगों पर हुई बहस का जवाब दे रहे थे। चर्चा के बाद सदन ने वन (पर्यावरण सहित) की 8 अरब 14 करोड़ 11 लाख 73 हजार रुपये की अनुदान मांगें ध्वनिमत से पारित कर दीं।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान के द्वितीय चरण में 60 लाख पौधों का रोपण, 14 हजार स्ट्रेक्चर का निर्माण, 900 गांवों में वृक्षकुंज के कार्य किए जाएंगे। प्रथम चरण में 25 लाख पौधे लगाए गए थे और राज्य सरकार द्वारा वन क्षेत्र को बढ़ावा देने के प्रयासों की सराहना प्रधानमंत्री मोदी ‘मन की बात’ में कर चुके हैं। खींवसर ने कहा कि आमली में सफारी पार्क का निर्माण किया जा रहा है। सरिस्का में सर्वे करवाकर सफारी पार्क बनाने की कोशिश करेंगे तथा नाहरगढ़ में लॉयन पार्क बनाने की योजना है।
वन मंत्री ने कहा कि हमारा प्रयास है कि संभाग स्तर पर जोधपुर, उदयपुर, जयपुर में बायोलॉजिकल पार्क की स्थापना की जा चुकी है। बीकानेर में निर्माणाधीन है तथा कोटा में वित्तीय एवं प्रशासनिक स्वीकृतियां जारी की जा चुकी हैं। शेष दो संभागों भरतपुर व अजमेर में वर्ष 2017-18 में बायोलॉजिकल पार्क की स्थापना की जाएगी। झालाना एवं नाहरगढ़ पार्क जयपुर का ऑक्सीजन है। झालाना को देश के सर्वश्रेष्ठ लेपर्ड पार्क के साथ वर्ल्ड क्लास पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा। इस झालाना लेपर्ड पार्क के लिए 52 किलोमीटर में फेंसिंग की जाएगी। इसके लिए 7 करोड़ रुपए का प्रावधान बजट में किया गया है।
खींवसर कहा कि मुकुन्दरा हिल्स टाइगर पार्क विकसित करने की योजना बनाई है, जिसमें सेन्ट्रल जू अथॉरिटी ने 400 चीतल व 18 सांभर शिफ्ट करने की अनुमति दे दी है तथा केन्द्र की अथॉरिटी से टाइगर को शिफ्ट करने की अनुमति मिल गई है तथा दिसंबर के अंत तक टाइगर को शिफ्ट करने की कोशिश की जाएगी। वहीं इस क्षेत्र में दो गांवों के रिलोकशन, वाहन एवं आईटी के कम्यूनिकेशन को बेहतर करने का प्रयास भी होगा। प्रदेश के मरू क्षेत्र में लुप्त हो रहे गोड़ावण के संरक्षण की जरूरत पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि इनकी संख्या में वृद्धि के लिए मुकुंदरा हिल्स क्षेत्र के वातावरण को प्रजनन के लिए उपयुक्त पाया गया है।
नेचर पार्क होंगे विकसित
वन मंत्री ने कहा कि नेचर पार्क विकसित किए जाएंगे, जिनमें क्षेत्र के अनुसार बायोलॉजिकल महत्व के पेड़-पौधों को लगाया जाएगा, जिससे बच्चे शिक्षा ग्रहण कर सकें। उन्होंने कहा कि वर्ष 2017-18 में त्रिपुरा सुन्दरी (बांसवाड़ा), हिल्ली (बाड़मेर), सुन्धामाता (जालोर), शाहाबाद किला (बारां) एवं भरखमाता (भीलवाड़ा) में नेचर पार्क विकसित किए जाएंगे। खींवसर ने कहा कि जैसलमेर स्थित वूडन फॉसिल पार्क के संरक्षण के लिए एक टीम विदेश जाएगी, जो वहां के फॉसिल पार्क के विशेषज्ञों से प्रशिक्षण लेकर लेगी।
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