सिरसा। अपना आशियाना टूटने का डर और प्रशासन से कोई मदद न मिलने से परेशान सिरसा के गांव मोरीवाला के निवासियों ने आज सिरसा के निजी होटल में पत्रकार वार्ता कर सरकार से मदद की गुहार लगाई है। [ शेविंग करते समय जीरो मशीन में करंट आया, नाई की मौत, फाल्ट बना वजह] [ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
पत्रकारों से रूबरू होते हुए ग्रामीणों ने कहा कि गांव मोरीवाला में ग्रामीण कई दशकों से रह रहे है। उनके दादा व परदादा भी यहीं रहा करते थे। गांव की जमीन फर्द जमाबंदी में दर्ज थी, लेकिन वर्ष 1962 में इसे लाल डोरे में कर दिया गया। अब नेशनल हाईवे 9 की ओर से गांव के लगभग 25 घरों की जमीन अक्वायर की गई है। जिससे उनके घर टूटने का खतरा उनके सर मंडरा रहा है।
ग्रामीणों का कहना है कि जिनके घर अक्वायर हुए हैं, वे लोग आर्थिक रूप से इतने मजबूत नहीं है, कि घरों के टूटने के बाद नए घर खरीद पाए और न ही ग्रामीणों के पास कोई अन्य जमीन है।
नेशनल हाईवे के लिए जब से वह बेघर होने की कगार पर पहुंचे है, तब से चैन से सो भी नहीं पाए है। इस समस्या को लेकर उपायुक्त से लेकर उच्च प्रशासनिक अधिकारियों तक न्याय की गुहार लगाई गई, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ। उन्होंने सरकार से मांग की है कि हमारे रिहायशी मकान तोडऩे की बजाए सड़के के दूसरे साइड कृषि भूमि को नेशनल हाईवे बनाने के लिए प्रयोग में लाया जाए।
ग्रामीणों ने कहा कि बेवजह इस सड़क को मोड़कर गांव के बीच से निकाला जा रहा है, जबकि सरकार की ओर से जमीन अक्वायर की बाबत ऐसा कोई नोटिस नहीं मिला है।
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