मुकेश बघेल, गुरुग्राम। मारुती कांड मामले में जिला अदालत ने 31 मजदूरो को दोषी करार दिया है जिसमे 13 दोषियों पर 302,323,325,452,147,148 के तहत दोषी करार किया है और चार आरोपियों को 307 जबकि बाकी आरोपियों को आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दोषी करार दिया है सरकारी वकील द्वारा 13 दोशियान जिनकोे 302 के तहत दोषी करार दिया गया था उनके लिए सख्त से सख्त सजा की मांग की जिसमे फांसी का प्रावधान भी शामिल था ।
वही दोषियों के वकीलें सफाई में सभी 31 दोषियों की पारिवारिक पृष्ठभूमि के अलावा जस्टिस शाह की उस रिपोर्ट का हवाला भी दिया गया जिसमें 2015 में दी गयी क़ानूनी सलाह में सिर्फ आतंकी वारदातों में ही फांसी के प्रावधान की सिफारिश की गयी थी । काफी समय पीड़ित वकील और दोषी वकील में बहस हुई उसके बाद जिला अदालत के जज आरपी गोयल नें इस दोषियों की सजा को कल तक के लिए सुरक्षित रक्खा है ।
अब देखना होगा की कल इन दोषियों को क्या क्या सजा मिल पाती है । हालाँकि दोषियों के अधिवक्ताओं ने 302 के तहत दोषी करार दिए गए कर्मचारियों का मामला पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट ले जाने की बात कही। आपको बता दें कि 18 जुलाई 2012 को मारूति के मानेसर प्लांट में एक कर्मचारी जीयालाल की चाय को लेकर प्रबंधन से लड़ाई हो गई थी जिसके बाद विवाद गहरा गया। शाम को उग्र कर्मचारियों ने कंपनी में तोड़फोड़ की और आग लगा दी थी इस आगज़नी में कंपनी के एक अधिकारी की मौत हो चुकी है|
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