अंबाला। दिल्ली
नेशनल हाईवे से सटे अंबाला के आखिरी छोर के गांव लंडा में लगभग 55 वर्षीय
भरतो देवी की अपने घर में ही कब्रगाह बन गई। बरसात की बूंदे गांव लंडा में
कहर बनकर बरसीं। कमजोर छत की कड़ियां वजन नहीं सह सकी और सोती हुई भरतो
देवी पर भरभरा कर गिर पड़ी। छत के नीचे सो रही भरतो देवी किसी को मदद के
लिए भी पुकार नहीं सकी। हादसा कब और कैसे हुआ किसी पड़ोसी को भी पता नही
चला? भरतो देवी घंटों तक अपने ही घर में गहरे मलबे में दबी रही और
मलबे के नीचे दबने से उसका दम निकल गया । हादसे के वक्त महिला घर पर
बिल्कुल अकेली थी । गांव लंडा में उस समय कहर बरपा
गया जब सुबह जब उसका बेटा हरप्रीत सिंह अपनी सिक्योरिटी गार्ड की ड्यूटी से
घर वापस लौटा तो उसने मां को छत के नीचे दबा हुआ पाया । गांव के सरपंच
मनजीत सिंह ने घटना की सूचना साहा पुलिस को दी । जिसके बाद पुलिस घटना स्थल
पर पहुंची और परिजनों के बयान दर्ज करके शव को पोस्टमार्टम के लिए केंट के
सिविल अस्पताल भिजवाया। [ अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
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