नूंह।
मेवात में नसबंदी और बांझपन के इंजेक्शन लगाने की अफवाहों ने सरकार का
टीकाकरण अभियान रोक दिया है। बच्चों में गंभीर बीमारियां दूर करने के लिए
लगाए जा रहे इंजेक्शनों से नसबंदी और बांझपन होने की अफवाहों को जिला
प्रशासन ने गंभीरता से लिया है। मेवात
जिले में पिछले करीब चार दिन से इंजेक्शन की वजह से बांझपन - नपुंसकता को
लेकर अफवाहों का दौर चल रहा है। इस कारण गत दिनों एक कर्मचारी की पिटाई तक
कर दी गई थी। [ अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे]
लगाए जा रहे
इंजेक्शन की जो अफवाह चल रही थी , उसे प्रशासन ने गंभीरता से लेना शुरू कर
दिया है। मंगलवार को लघुसचिवालय नूंह में स्वास्थ्य विभाग तथा उलेमाओं की
बैठक में उपायुक्त मनीराम शर्मा ने फैसला लिया कि सप्ताह भर जिले में किसी
प्रकार का भी इंजेक्शन नहीं लगाया जायेगा और न ही टैबलेट दी जाएंगी। इतना
ही नहीं डीसी मनीराम शर्मा सहित सभी अधिकारी फील्ड में उतरेंगे। ग्रामीणों
को पहले जानकारी दी जाएगी , इसमें धार्मिक गुरुओं को भी साथ लिया जायेगा।
मस्जिदों में भी एलान कराया जायेगा। उपायुक्त मनीराम शर्मा ने कहा कि
अफवाह के कारण जिन स्कूलों में विरानी छाई हुई है। बच्चों की संख्या न के
बराबर है। एग्जाम के दिन चल रहे हैं। जल्द दे जल्द स्कूलों में बच्चों की
संख्या बढे , इसके लिए हर सम्भव प्रयास किये जा रहे हैं। जिन शरारती
तत्वों ने बांझपन इत्यादि की गलत अफवाह फैलाई है या फिर मेवली गांव के आठ
वर्षीय वकील को जो इंजेक्शन लगाया गया है। इतना ही नहीं तिरवाड़ा गांव में
मिडिल स्कुल में बी अध्यापकों की जो ग्रामीणों ने अफवाह की वजह से पिटाई की
है। यह बेहद ही गंभीर मामला है। दोनों मामलों की जाँच की जा रही है। इतना
ही नहीं अगर सप्ताह भर की अभियान की रोक के दौरान कोई शरारती तत्व मिलता
है , तो उसके खिलाफ ठोस कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। डीसी मेवात मनीराम
शर्मा ने कहा कि मुस्लिम धर्मगुरु भी इस काम में खासकर अफवाह को खत्म करने
में प्रशासन का सहयोग करें। कुल मिलाकर इंजेक्शन की अफवाह ने मेवात की फिजा
को इन दिनों पूरी तरह खराब किया हुआ है।
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