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थैलेसीमिया का पता गर्भ में ही चल जाएगा

Thalassemia will be detected in the womb only - Kurukshetra News in Hindi

कुरुक्षेत्र। अब थैलेसीमिया बीमारी से पीड़ित का गर्भ में पता चला जाएगा। स्वास्थ्य विभाग गर्भवती महिलाओं का नैकेड आई सिंगल ट्यूब रेड सेल्स ओस्मोटिक फ्रोगिलिटी टेस्ट करके माइनर थैलेसीमिया पीड़ित गर्भवती महिलाओं को पहले ही चिह्नत कर लिया जाएगा, इसके बाद रोहतक के पीजीआइएमएस की एचपीएलसी लैब में सैंपल भेज कर उनके गर्भ में पल रहे बच्चे में थैलेसीमिया होने या नहीं होने की पुष्टि की जाएगी।
पुष्टि होने के बाद अभिभावकों से उनके बच्चों में आने वाली थैलेसीमिया के बारे में जागरूक किया जाएगा, ताकि समय रहते गर्भवती महिला की काउंसिलिंग करके उन्हें इस बात से आगाह किया जा सके।

पैथोलॉजिस्ट को किया गया प्रशिक्षित

नेस्ट्रोफ्ट टेस्ट के लिए पूरे प्रदेश के जिले से पैथोलॉजिस्ट डॉ. विनोद को इस टेस्ट को करने के लिए पीजीआइएमएस में प्रशिक्षित किया गया है। स्वास्थ्य विभाग के आदेश के बाद अब जिले भर के लैब तकनीशियनों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। भारत में थैलेसीमिया तेजी से बढ़ रही है इसलिए भविष्य में इसे रोकना स्वास्थ्य विभाग के लिए कड़ी चुनौती साबित होगी, जिसके लिए विभाग ने अभी से कमर कसनी शुरू कर दी है। जिले में गर्भवती महिलाओं के अन्य जांच के साथ इस टेस्ट को भी शुमार कर दिया जाना है, ताकि गर्भवती महिलाओं में माइनर थैलेसीमिया होने या न होने की संदिग्ध पुष्टि हो सके। जिला सिविल सर्जन डॉ. एसके नैन के मुताबिक उच्चाधिकारियों से आदेश आने के बाद लैब तकनीशियनों को प्रशिक्षण देना आरंभ कर दिया जाएगा।

25 प्रतिशत होने की संभावना

थैलेसीमिया बच्चों को माता-पिता से अनुवांशिक तौर पर मिलने वाला रक्त-रोग है। इस रोग के होने पर शरीर की हीमोग्लोबिन निर्माण प्रक्रिया में गड़बड़ी हो जाती है। इसकी पहचान तीन माह की आयु के बाद होती है। इसमें रोगी बच्चे के शरीर में रक्त की भारी कमी होने लगती है जिसके कारण उसे बार-बार बाहरी खून चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है। थैलेसीमिया दो प्रकार का होता है। यदि पैदा होने वाले बच्चे के माता-पिता दोनों के जींस में माइनर थैलेसीमिया होता है, तो बच्चे में गंभीर थैलेसीमिया हो सकता है, जो काफी घातक हो सकता है, जबकि अभिभावकों में से एक में माइनर थैलेसीमिया होने पर बच्चे को इसका खतरा कम होता है। यदि माता-पिता दोनों को माइनर रोग है तब भी बच्चे में यह बीमारी आने की 25 प्रतिशत संभावना रहती है।

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Web Title-Thalassemia will be detected in the womb only
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