जालोर। खान एवं भू-विज्ञान विभाग की ओर से जालोर के निकट स्थित सफी, सांफाड़ा व बोरड़ी गांव में बजरी खनन पर अस्थाई रोक लगाई है। इसके पीछे अवैध खनन की शिकायतें मिलने का कारण बताया जा रहा है। ऐसे में जांच पूर्ण होने एवं आगामी आदेश तक इन गांवों में बजरी खनन पर रोक रहेगी।
जानकारी के अनुसार 17 फरवरी को सफी, सांफाड़ा, पहाड़पुरा, रिछावाड़ी व कोलर के ग्रामीणों व ट्रैक्टर चालकों ने खनीज विभाग व जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा था। इसमें बताया गया था कि इन गांवों के कई मजदूरी पेशा लोगों ने रोजगार के लिए ट्रैक्टर ले रखे हैं। जिससे वे बजरी रॉयल्टी नाकों से बजरी भरकर लाते हैं। इसके लिए वे बाकायदा रॉयल्टी भी चुकाते हैं, लेकिन असामाजिक तत्व के लोग यहां से बजरी भरकर सस्ती दर पर बजरी बेच रहे हैं। ऐसे में उनसे कोई बजरी नहीं मंगवाता। इससे उनका रोजगार चोपट हो रहा है। इससे उनके परिवार के भूखे मरने की नोबत आ गई है। ज्ञापन में ग्रामीणों व टै्रक्टर चालकों ने यहां से बिना रॉयल्टी बजरी ले जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने एवं उनसे रॉयल्टी वसूलने की मांग की थी। इसके अलावा ज्ञापन में रॉयल्टी ठेकेदारों को पाबंद करने की मांग भी की थी।
अस्थाई तौर पर लगाई रोक
खनि अभियंता की ओर से ठेकेदारों को नोटिस जारी किए गए हैं। जिसमें बताया गया है कि इन शिकायतों के सम्बंध में आवश्यक जानकारी प्राप्त की जा रही है। लिहाजा, सफी, सांफाड़ा व बोरड़ी में अस्थाई तौर पर बजरी खनन पर रोक रहेगी। इसके अलावा ग्रामीणों की खातेदारी भूमि से अवैध खनन पाए जाने पर सम्बंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए भी पाबंद किया गया है।
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