• Aapki Saheli
  • Astro Sathi
  • Business Khaskhabar
  • ifairer
  • iautoindia
1 of 1

ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ : कलाकारों के लिए चुनौती भरा समय

Tampering with historical facts: Challenging time for artists - India News in Hindi

नई दिल्ली। हिन्दी सिनेमा ‘पद्मावती’ की रिलीज पर विवाद की जड़ में सबसे पहले तो भगवा ध्वजवाहक हैं जो मुस्लिम विरोधी पूर्वाग्रह के साथ इतिहास की विवेचना करते हैं। दूसरा भारतीय जनता पार्टी है जो प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष दोनों तरीकों से संस्थागत स्वायत्तता को धीरे-धीरे कम करती जा रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) का राजनीतिक इस्तेमाल में करने में भाजपा पहले से चले आ रहे दस्तूर पर ही कायम है। जैसा कि पूर्ववर्ती सरकार के कार्यकाल में सर्वोच्च न्यायालय ने सीबीआई को ‘पिंजरे का तोता’ कहा था। ऐसा कहा जा सकता है कि भाजपा ने हिंदू दक्षिणपंथ के लोगों को पद्मावती पर अपना गुस्सा निकालने की छूट देकर और केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड यानी सीबीएफसी के अधिकार को क्षीण करके एक नई परंपरा डाली है।

इस घटना में भी पहले के उदारहण हैं। कांग्रेस ने इंदिरा गंाधी के जीवन पर आधारित होने का कारण बताते हुए फिल्म ‘इंदु सरकार’ पर आपत्ति दर्ज की थी। लेकिन संघ परिवार से जुड़े होने के चलते सत्ता से करीबी रिश्तों के कारण भगवा ध्वजवाहकों ने आक्रमक तेवर अख्तियार कर रखा है। जाहिर है कि अगर उनपर रोक नहीं लगाई जाएगी तो इससे सीबीएफसी के अधिकार को न सिर्फ क्षति पहुंचेगी बल्कि भविष्य में इतिहास या संघ परिवार से संबंधित मुद्दों पर बनी फिल्मों को अपनी मंजूदी देने में घबराएगा। इस प्रकार बोर्ड की कार्यप्रणाली पर राजनीति का आधिपत्य हो जाएगा। कुछ ही दिन पहले जब सेंसर बोर्ड के पूर्व प्रमुख पहलाज निहलानी को अचानक पद से हटाया गया था तब ऐसी उम्मीद जताई जा रही थी कि फिल्म निर्देशक व निर्माता अब राहत की सांस लेंगे। उन्होंने जेम्स बांड की फिल्म में चुम्बन की समयावधि कम कर दी थी और फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ में 89 कट लगाए थे। इसके अलावा उन्होंने ‘लिपिस्टिक अंडर माई बुर्का’ को बोर्ड की हरी झंडी देने से साफ मना कर दिया था।

दर्शकों को क्या देखने की अनुमति होगी इसका फैसला संस्कृति के स्वत: नियुक्त संरक्षकों की ओर से ही नहीं लिया जाता है बल्कि मंत्रालय भी इसमें शामिल होता है, जिसने दो फिल्म- ‘एस दुर्गा’ और ‘न्यूड’ को गोवा में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित होने से अचनानक इसलिए प्रतिबंधित कर दिया क्योंकि एस दुर्गा में एस अक्षर से सेक्सी का अर्थ लिया जाता है। वहीं न्यूड का कारण स्पष्ट ही है। पूर्व में हिन्दू देवियों के चित्रण को लेकर भगवाधारियों का कोपभाजन बनकर मशहूर चित्रकार एम.एफ हुसैन को देश निकाला का कहर झेलना पड़ा था। वह अशुभ दिन होगा जब फिल्मनिमार्ताओं को भी देश छोडऩा पड़ेगा या अपनी फिल्म की शूटिंग कहीं और करना होगा, जैसाकि सलमान रुश्दी की कृति मिडनाइट्स चिल्ड्रेन के मामले में देखा भी गया, जिसकी शूटिंग श्रीलंका में की गई।

फिल्म के दृश्य को काटने की मांग के लिए एक मानक व्याख्या यह सुनिश्चित करना है कि लोगों की भावनाएं आहत न हों। बिल्कुल यह बात गैलीलियो के साथ हुई थी, जिनकी इस धारणा से गिरजाघर और मध्यकालीन यूरोपीय समाज की भावनाएं आहत हुई थीं कि धरती सूर्य के चारों ओर चक्कर लगाती है और उनकी बातों को समझने में यूरोपीय समाज को 350 साल लग गए। फिल्म ‘पद्मावती’ को लेकर भगवा ब्रिगेड का गुस्सा बिल्कुल इस बात को लेकर है फिल्म में मेवाड़ की रानी की वीरांगना की छवि व प्रतिष्ठा के साथ न्याय नहीं होगा। कहा जाता है कि अपनी खूबसूरती के लिए मशहूर रानी ने अलाउद्दीन खिलजी की सेना के आक्रमण के समय बंदी बनाए जाने से पहले जौहर कर लिया था। दंतकथा (वास्तविक या कल्पित) की रानी की मृत्यु के 700 साल बाद अब हिन्दू दक्षिणपंथी समूह के लोग उनको इस बार फिल्म निर्माताओं से बचाने के लिए बख्तरबंद हो चुके हैं और फिल्म के निर्देशक व अभिनेत्री के खिलाफ दिल-दहलाने वाली धमकियां दे रहे हैं।
(आईएएनएस)

ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे

यह भी पढ़े

Web Title-Tampering with historical facts: Challenging time for artists
खास खबर Hindi News के अपडेट पाने के लिए फेसबुक पर लाइक और ट्विटर पर फॉलो करे!
(News in Hindi खास खबर पर)
Tags: tampering with historical facts, padmavati row, padmavati, sanjay leela bhansali, ranveer singh, deepika padukone, challenging time for artists, hindi news, news in hindi, breaking news in hindi, real time news
Khaskhabar.com Facebook Page:

प्रमुख खबरे

आपका राज्य

Traffic

जीवन मंत्र

Daily Horoscope

Copyright © 2024 Khaskhabar.com Group, All Rights Reserved