नई दिल्ली। उप राष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने शुक्रवार को शिक्षा के महत्व पर बल देते हुए कहा कि अगर देश में अब भी निरक्षरता है, तो स्वराज निर्थक है। अंतर्राष्ट्रीय साक्षरता दिवस पर आयोजित एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए नायडू ने कहा कि हालांकि देश 1947 में आजाद होने के बाद से काफी आगे बढ़ चुका है, जब आबादी का केवल 18 प्रतिशत हिस्सा ही साक्षर था, लेकिन देश अभी हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठ सकता क्योंकि अभी काफी कुछ हासिल करना बाकी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य - शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
नायडू ने कहा, यह शर्मनाक है कि देश के 19 प्रतिशत लोग अब भी अशिक्षित हैं..अगर देश में निरक्षरता है तो लोकतंत्र, विकास, स्वराज..का कोई अर्थ नहीं है। उन्होंने कहा, निरक्षरों को शिक्षित करना हमारा दायित्व है..हम खुद को तब तक एक कल्याणकारी समाज नहीं कह सकते, जब तक कि देश का हर नागरिक साक्षर न हो जाए।
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