नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट मंगलवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की अपील पर सुनवाई करेगा, जिसमें कलकत्ता उच्च न्यायालय के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें उन्हें और राज्य के कानून मंत्री मोलॉय घटक को 17 मई को अपनी भूमिका पर हलफनामा दाखिल करने से मना कर दिया गया था। नारदा स्टिंग टेप मामले में सीबीआई ने तृणमूल कांग्रेस के चार नेताओं को गिरफ्तार किया था। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
जस्टिस हेमंत गुप्ता और अनिरुद्ध बोस की पीठ मुख्यमंत्री, घटक और पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा दायर अलग-अलग अपीलों पर सुनवाई करेगी।
अधिवक्ता आस्था शर्मा के माध्यम से मुख्यमंत्री द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि उच्च न्यायालय का आदेश पर्याप्त न्याय के सभी सिद्धांतों के खिलाफ है, इस तथ्य के आलोक में कि सीबीआई न केवल एक तत्काल सूची प्राप्त करने में सक्षम थी, बल्कि उस पर रोक भी लगाई थी। विशेष सीबीआई न्यायाधीश द्वारा 17 मई को आदेश पारित किया गया, जिसमें आवश्यक हलफनामे के साथ कोई दलीलें दाखिल किए बिना, केवल एक ई-मेल के आधार पर, याचिकाकर्ता सहित संबंधित पक्षों को बिना किसी नोटिस के।
शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह घटक द्वारा दायर अपील पर 22 जून को सुनवाई करेगी।
नारदा स्टिंग टेप मामले को विशेष सीबीआई अदालत से उच्च न्यायालय में स्थानांतरित करने के लिए सीबीआई के आवेदन पर सुनवाई करते हुए कलकत्ता उच्च न्यायालय की पांच-न्यायाधीशों की पीठ ने 9 जून को कहा था कि वह ममता बनर्जी और घटक के हलफनामों पर बाद में विचार करेगी। (आईएएनएस)
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