नई दिल्ली। पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने वाली सुप्रीम कोर्ट अब याचिकाओं पर मंगलवार को नया आदेश पारित कर सकती है। दरअसल देश में पटाखों की बिक्री पर पूरी तरह से बैन लगाने के लिए कई याचिकाएं दी गई है। जिसपर सुप्रीम कोर्ट विचार कर रहा है। इससे पहले कोर्ट ने कहा था की पटाखे जलाए जाने से हवा की विषाक्तता बढ़ जाती है जो कि सभी के लिए खतरनाक है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
पिछली सुनवाई के दौरान न्यायमूर्ति एके सीकरी और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की बेंच ने इस तथ्य पर गौर किया था कि दीवाली के समय वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है। कोर्ट ने कहा था प्रदूषण के असामान्य रूप से उच्च स्तर तक पहुंच जाने के कारण दिल्ली में तकरीबन 20-25 फीसदी बच्चे सांस संबंधित समस्याओं से पीडि़त होते हैं।
यह शिशुओं के लिए बेहद खतरनाक है। गौरतलब हो कि पिछले साल दिल्ली में अपने अभिभावक के जरिएं तीन नाबालिगों ने शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर कर पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी। जिसपर पर सुनवाई करते हुए सीमित अवधि के लिए पटाखों की बिक्री रोक दी गई थी। दिल्ली में आबोहवा बहुत खराब हालत पर है। दीवाली के मौके पर पटाखों के कारण हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में पहुंच जाती है। दशहरे के मौके पर अधिकारियों ने पर्यावरण के अनुकूल जश्न मनाने की अपील की थी लेकिन इसके बावजूद जमकर लोगों ने आतिशबाजी की थी।
शामली में पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध...
बीते 13 अक्टूबर को उत्तर प्रदेश के शामली जिले में प्रशासन ने पटाखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया है। एक अधिकारी ने कहा कि शामली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के तहत आता है। इसलिए पटाखों की बिक्री को बैन किया गया है।
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