नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) की सीजीएल-2017 परीक्षा को रद्द करने के समर्थन में है। कोर्ट का कहना है कि पेपर लीक होने से जिन लोगों को फायदा पहुंचा है उन सभी दोषियों को पकड़ पाना मुमकिन नहीं है। साथ ही कोर्ट ने सरकार से भी इस मामले पर प्रतिक्रिया मांगी है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
सुप्रीम कोर्ट ने सुझाव देते हुए कहा कि इस परीक्षा को नए सिरे से करवाया जाना बेहतर होगा। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर कोई आदेश जारी नहीं किया है। सीजीएल-2017 परीक्षा अनियमितता मामले में कोर्ट ने नए सिरे से परीक्षा करवाने पर जोर दिया है। इसके साथ ही कोर्ट ने इस मामले को लेकर केंद्र सरकार से प्रतिक्रिया मांगी है। सरकारी प्रतिक्रिया के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा।
बता दें कि इससे पहले अगस्त, 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने स्टाफ सिलेक्शन कमिशन(एसएससी) कंबाइंड ग्रैजुएट लेवल एग्जामिनेशन 2017 और कंबाइंड सीनियर सेकंड्री लेवल एग्जाम 2017 के रिजल्ट जारी करने पर रोक लगा दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने पूरे सिस्टम को ही दागी बताया था। फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह किसी को एसएससी एग्जामिनेशन स्कैम का फायदा उठाने और नौकरी हासिल करने की अनुमति नहीं देगा।
कोर्ट ने कहा कि प्रथम दृष्टया में पूरा एसएससी सिस्टम और परीक्षा दागी है। परीक्षा के पेपर लीक होने के आरोप लगे थे। साल 2017 में हुई इस परीक्षा में गडबडी की बात सामने आने पर हजारों की संख्या में छात्रों ने दिल्ली में कई प्रदर्शन किया था। जिसके बाद सरकार के जरिए मामले की सीबीआई जांच के आदेश दिए गए थे।
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