नई दिल्ली/लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भले ही अपने चाचा और संयुक्त प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव की घर वापसी पर सकारात्मक संदेश दिया हो लेकिन शिवपाल की मंशा अलग नजर आ रही है। शिवपाल ने साफ कहा है कि आने वाले यूपी विधानसभा चुनाव में अब दोबारा समाजवादी पार्टी की हिस्सा बनने का सवाल ही नहीं है। जहां तक साथ होकर चुनाव लड़ने की बात है कि उसके बारे में सोचा जा सकता है। ये भी पढ़ें - अपने राज्य / शहर की खबर अख़बार से पहले पढ़ने के लिए क्लिक करे
यूपी के बदायूं में शिवपाल यादव पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के करीबियों में शामिल भंडार कुआं निवासी अंजुम रजा के निधन पर उनके परिवार वालों को सांत्वना देने उनके घर पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि 2022 के विधानसभा चुनाव में समय आने पर समान विचारधारा वाले दलों से गठबंधन के रास्ते खुले रहेंगे, लेकिन सपा से कोई समझौता नहीं होगा।
इस दौरान उन्होंने समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव पर निशाना साधा और कहा कि सपा को कमजोर करने और तोड़ने के पीछे रामगोपाल यादव का षड्यंत्र था।
मुलायम सिंह से संबंधों के बारे में उन्होंने कहा कि वह पहले भी नेता जी के साथ थे और आज भी साथ हैं। पार्टी के लिए लंबे समय तक मुलायम सिंह यादव के साथ काम किया और संघर्ष के बाद पार्टी खड़ी की है। मगर यह नहीं सोचा था कि पार्टी में आज यह हाल हो जाएगा।
शिवपाल ने किया आजम खान का बचाव...
शिवपाल यादव ने सपा सांसद और वरिष्ठ नेता आजम खान के खिलाफ हो रही कार्रवाई पर कहा कि यह बदले की भावना से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि आजम खान के साथ सरकार ने ठीक नहीं किया है।
बता दें, इसी साल सितंबर में अखिलेश यादव ने शिवपाल की वापसी पर कहा था कि जो आना चाहे आए, आंख बंद करके पार्टी में शामिल कर लिया जाएगा। अखिलेश ने कहा था कि हमारे परिवार में परिवारवाद नहीं, लोकतंत्र है। अखिलेश के इस बयान से उलट अब शिवपाल ने साफ कर दिया है कि 2022 में होने वाले यूपी विधानसभा में वह सपा से कोई समझौता नहीं करेंगे।
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