नई दिल्ली। गोवा में सरकार बना पाने में नाकाम रही कांग्रेस को स्थानीय
पार्टी नेताओं के साथ ही मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट के भी तीखे सवालों का
सामना करना पड़ा। गोवा के विधायक जहां इस मुद्दे पर राज्य के प्रभारी
दिग्विजय सिंह के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं, वहीं मनोहर पर्रिकर की शपथ
रुकवाने सुप्रीम कोर्ट पहुंची कांग्रेस को फजीहत झेलनी पड़ी। कोर्ट ने
उल्टे कांग्रेस को ही फटकार लगाते हुए सवालों की झड़ी लगा दी। कोर्ट ने कहा
कि कांग्रेस ने अपनी याचिका में विधायकों के समर्थन की बात नहीं की है।
कोर्ट ने साथ ही याचिकाकर्ता के वकील से पूछा कि आपने इतना समय क्यों जाया
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चीफ जस्टिस जेएस खेहर, रंजन गोगई और आर के अग्रवाल की खंडपीठ ने
कांग्रेस की याचिका पर पर्रिकर की शपथ पर रोक लगाने से साफ इनकार कर दिया।
कोर्ट ने हालांकि बहुमत साबित करने के लिए दिया गया समय घटाकर केवल दो दिन
कर दिया। कोर्ट ने भाजपा को आदेश दिया कि वह 16 मार्च को 11 बजे फ्लोर
टेस्ट कर बहुमत साबित करे। मामले की पैरवी के लिए कांग्रेस की आोर से
वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी और केंद्र सरकार की ओर से हरीश साल्वे पेश
हुए। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कांग्रेस से कई तीखे सवाल पूछे।
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